गुरूकुल में गूंजी ‘कबड्डी-कबड्डी’ की आवाज

समस्तीपुर : प्रो-कबड्डी लीग का आयोजन शहर के दादपुर स्थित गुरूकुल सीनियर सेकेंड्री स्कूल में किया गया. साथ ही छात्राओं को कबड्डी से जुड़े प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन कर इस खेल से जुड़े इतिहास से अवगत कराया गया. प्रो-कबड्डी लीग का शुभारंभ करते हुए निदेशक सौरभ चौधरी ने कहा कि भारत की धरती पर जन्मा कबड्डी का खेल आज पूरी दुनिया में पसंद किया जाता और खेला जाता है. इस गेम में मेंटल और फिजिकल एक्टीवनेस की अच्छी परीक्षा होती है. शिक्षक शशांक कुमार ने छात्राओं को खेल से जुड़े टिप्स देते हुए बताया कि कबड्डी के खेल में अटैक और डिफेंस के दो मूल कॉनसेप्ट होते हैं. कबड्डी में अटैक सही और सफल तरीके से करने के लिए बॉडी फ्लेक्सिबिलिटी की बहुत जरूरत है. ये कबड्डी की आवश्यक स्किल है. प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में छात्राओं ने अधिकांश प्रश्नों का उत्तर दिया. छात्रा प्रगति ने बताया कि 1962 में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा इस खेल को स्कूल में महत्वपूर्ण खेलों में से एक के रूप में पेश किया गया. वहीं भारत ने 2004 में एक और मील का पत्थर छुआ, जब उसने मुंबई में पहले कबड्डी विश्व कप की मेजबानी की. मौके पर शिक्षक सुजीत कुमार, सुदर्शन कुमार, मुकेश कुमार सिंह, मो. गुलाब, आनंद कुमार सिंह, सुप्रिया रानी, अंचला वर्मा, सुधा पांडेय, प्रिया आदि ने सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाया.

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