नई सोच व अनुसंधान से किसानों में बदलाव लाने की जरूरत : कुलाधिपति

समस्तीपुर: डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने अपना 54 वां स्थापना दिवस पर कृषि शिक्षा दिवस भी मनाया गया. अतिथियों ने पार्क व प्रशासनिक भवन में डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. शुरुआत कुलाधिपति डॉ पीएल गौतम ने दीप प्रज्वलित कर किया. उन्होंने वैज्ञानिकों व छात्र-छात्राओं को कृषि क्षेत्र से जुड़े अध्ययन व शोध के कार्य को अपने कर्तव्य एवं निष्ठा से करने की बोध कराया. उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट कार्य से ही वैज्ञानिकों व विश्वविद्यालय की पहचान देश में होगा. आने वाले समय में जल संरक्षण पर वैज्ञानिकों को ध्यान देने की जरूरत है. गेहूं की प्रजनन की प्रक्रिया की जननी पूसा को बताया. डॉ गौतम ने कहा कि नयी सोच व अनुसंधान के साथ किसानों के बीच बदलाव लाने की जरूरत है. कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने इस धरती के अतीत से अवगत कराते हुए पूषण देवता से पूसा का संबंध बताया. कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय काफी आगे बढ़ रहा है. 123 छात्र नेट परीक्षा में सफल हुए हैं. एग्री बिजनेस मैनेजमेंट के छात्रों का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हुआ है. उन्होंने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर को आगे बढ़ाना है. ड्रोन तकनीक प्रशिक्षण की जानकारी दी. पूर्व कुलपति डॉ एचपी सिंह ने कहा कि देश के विकास में कृषि एवं पशुपालन की भूमिका अहम होती है. प्रबंध बोर्ड के सदस्य डॉ नवलकिशोर चौधरी ने वैज्ञानिकों से समय अनुकूल शोध एवं तकनीकों को विकसित कर किसानों को लाभान्वित करने को कहा. मौके पर अभियंत्रण महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ अंवरीश कुमार, जयकृष्ण झा, किरणबाला सिंह ने भी अपनी बात रखी. संचालन डॉ आरके साहु व डॉ ऋतम्भरा ने संयुक्त रुप से किया. धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ मृत्युंजय कुमार ने किया. मौके पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एमएस कुंडू, निदेशक बीज डॉ डीके राय, अधिष्ठता डॉ केएम सिंह, डॉ उषा सिंह, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ राकेशमणि शर्मा, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन, राजेश कुमार आदि उपस्थित थे.

error: Content is protected !!