पराक्रम व बलिदान को जिंदा रखना हमारी जिम्मेदारी है : प्राचार्य

समस्तीपुर : वीमेंस कॉलेज में समाजशास्त्र और एनएसएस द्वारा सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्या प्रो. सुनीता सिन्हा ने कहा कि हमारे वीर शहीद जो मरकर भी नहीं मारते, कोई उनकी बराबरी नहीं कर सकता. उनकी पराक्रम और बलिदान को जिंदा रखना हमारी जिम्मेदारी है. प्रो. अरुण कुमार कर्ण ने हमारे देश की तीनों सेनाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा हेतु शहीद सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिकों एवं सेना में सेवारत सैनिकों और उनके आश्रितों के पुनर्वास तथा कल्याणकारी योजनाओं के लिये अधिक से अधिक दान देकर इस पुनीत कार्य में अपनी सहभागिता प्रदान करें. डॉ विजय कुमार गुप्ता ने सैनिक कल्याण कोष में खुले दिल से दान करने का आह्वान किया और कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस भारत के प्रत्येक सैनिक और देश के लिए जान न्योछावर करने वाले वीर शहीदों का सम्मान का दिन होता है. भारतीय सशस्त्र सेना बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन जमा करने के प्रति समर्पित एक दिन हैं. इस दिन शहीदों और वीर सेनानियों के उन लोगों को समान्नित किया जाता है, जिन्होंने देश की रक्षा के किए दुश्मनों का मुकाबला किया है और अपना सबकुछ देश के नाम कर दिया है. डॉ सुरेश साह ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हमारे सैनिकों का शौर्य गान पैसे से अधिक महत्वपूर्ण है. कुमकुम रवि ने कविता के माध्यम से शहीदों को नमन किया. कार्यक्रम का संचालन एनएसएस पदाधिकारी डॉ. नीतिका सिंह ने किया. कार्यक्रम में निबंध और कविता प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ स्वीटी दर्शन ने किया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ. मौके पर डॉ सोनी सलोनी, डॉ अरुण कुमार कर्ण, डॉ विजय कुमार गुप्ता, डॉ नीतिका सिंह, डॉ सुरेश शाह, डॉ राजेश पांडेय, डॉ सोनल, डॉ स्नेहलता, डॉ सालेहीन अहमद, डॉ आभा, डॉ स्वाति, डाॅ मामता, डाॅ सोनल, डॉ कविता, डॉ सुप्रिया, डॉ लालिमा, डॉ नीरज, डॉ संगीता सहित अधिक संख्या में छात्राएं उपस्थित थी.

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