समस्तीपुर : गंगा नदी के गोद में बसे मोहनपुर प्रखंड के मटिऔर गांव में प्राकृतिक छटाओं के बीच बुधवार को अयोध्या से पधारे राजन महाराज ने रामकथा की शुरूआत की. उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति राम का नाम नहीं लेता है, उसकी जिह्वा मेढ़क की तरह हो जाती है. जिस तरह से बरसात में टरटर करते रहते हैं और कोई ध्यान नहीं देता है. ठीक उसी तरह जो मनुष्य इस संसार में रहकर राम का नाम नहीं लेता है, तो उसका कुछ भी बोलना मेढ़क की तरह है. रामकथा वही होती है, जो राम के प्रति इंसान में रूचि बढ़ा देती है. कुसंग से छुटकारा होना ही सत्यसंग है. उन्होंने कहा कि राम के जन्म से पहले राजा दशरथ को बहुत कठोर तपस्या करनी पड़ी. श्रृंगी ऋषि के नेतृत्व में पुत्र कामिस्टी यज्ञ के दौरान अग्नि महाराज ने हवन कुंड से निकले प्रसाद से भगवान राम का जन्म हुआ था. राजन जी महाराज ने कथा को बड़े ही रुचिपूर्ण ढ़ंग से श्रोताओं के सम्मुख रखा. इस मौके पर शशिधर सिंह, अमरजीत कुमार बबलू, पूर्व मुखिया मनोज सिंह, शशि सिंह, राम निवास सिंह, नारायण सिंह, ध्रुव सिंह, सुभाष कुमार सिंह, राही, नवीन कुमार सिंह, रणधीर सिंह, रामबहादुर सिंह की सक्रियता देखी गयी.