समसतीपुर : विष्णु के दस अवतारों में से सर्वाधिक लोकप्रिय और महत्त्वपूर्ण राम का हुआ. राम असमाजिक और अन्यायी प्रकृति के जीवों को मिटाने के उदेश्य से ही पृथ्वी पर नहीं आये थे, बल्कि उनका अवतार सामान्य लोगों में जीवन के प्रति आशा जगाने के लिए भी हुआ था. उन्होंने अपने जन्म से यह सिद्ध किया कि ईश्वर के अवतार होने के बावजूद वह विधि का लेखा नहीं मिटा सकते, तो सामान्य आदमी यह प्रयास क्यों करे. राम ने यह प्रमाणित किया कि दुःख के बाद सुख आना निश्चित है और यह भी बताया कि मनुष्य का जन्म सिर्फ परोपकार के लिए होता है. यह बातें रामकथावाचक राजन महाराज ने कही. उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन एक निश्चित लक्ष्य के लिए होता है और अपने लक्ष्य के प्रति सावधान होकर कार्य करना हर मनुष्य का कर्तव्य है. राजन जी महाराज प्रखंड के मटिऔर गांव स्थित काली मंदिर के परिसर में कथा वाचन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ व्यक्ति के द्वारा कहे हुए बातों को धैर्यपूर्वक सुनना चाहिए. उसी में आपका उत्तर मिल जायेगा. भगवान को हमेशा याद करते रहिए, वे कभी न कभी आपके पास आ जायेंगे. जटाधारी शंकर के भजन के बिना राम की भक्ति प्राप्त नहीं की जा सकती है. इस मौके पर ध्रुव कुमार सिंह, भाई रणधीर, कुमार प्रेमचन्द्र, सुनील चैधरी, संतोष पोद्दार, विश्वनाथ सिंह, राम कुमार सिंह, रामबाबू सिंह, सुभाष कुमार सिंह, नवीन कुमार सिंह, यजमान रीना सिंह, आशु कुमार की सक्रियता देखी गयी.