समस्तीपुर : शिक्षा विभाग के नित्य नये फरमानों से जिला के शिक्षकों में असमंजस की स्थिति लगातार बढ़ती जा रही है. पहले छुट्टी में कटौती, विद्यालय का समय में परिवर्तन, शनिवार को पूरे दिन की गतिविधि के आदेश से शिक्षक परेशान थे, फिर शिक्षा विभाग द्वारा बीते दिनों विद्यालय के समीप आवास रखने को लेकर दिये गये आदेश से शिक्षकों में परेशानी दिखाई देने लगी है. शिक्षा विभाग ने अपने जारी आदेश में कहा है कि नवनियुक्त शिक्षकों को अपना आवास पदस्थापन वाले स्कूल के 15 किलोमीटर के दायरे में रखना होगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने पत्र जारी किया है कि नवनियुक्त अध्यापक चाहें तो अपने पदस्थापन वाले प्रखंड के प्रखंड मुख्यालय में भी अपना आवास रख सकेंगे. इस आशय का शपथ पत्र सभी नवनियुक्त एवम नियोजित शिक्षकों को 31 जनवरी तक डीईओ अपने कार्यालय में देना है. इसी के आधार पर इन शिक्षकों को फरवरी माह के वेतन का भुगतान मिलेगा. विभाग के मुताबिक, नवनियुक्त शिक्षक पर बिहार आवास भत्ता नियमावली के प्रावधान पूर्ववत लागू रहेंगे. डीईओ कार्यालय ने बताया कि मिल रही शिकायत के आधार पर विभाग ने यह निर्णय लिया है. सूत्रों की माने तो जिला में ऐसे दर्जनों नियमित व नियोजित शिक्षक हैं जो शहरी आवास भत्ता का लाभ लेते हुए अपने गांव से प्रतिदिन विद्यालय में आना-जाना करते हैं. इसमें डीईओ, स्थापना व अन्य संभाग के लिपिक भी मुख्यालय में नहीं रहकर अन्य मुख्यालय से आना-जाना कर रहे हैं. इस पर पूर्व में शिक्षा विभाग के निवर्तमान पदाधिकारी ने आपत्ति जताते हुए मुख्यालय में रहने का कड़ा निर्देश दिया था. लेकिन पदाधिकारी के स्थानांतरण के साथ ही आदेश भी कार्यालय के बाबुओं के लिए हवा-हवाई हो गया. जानकारों का कहना है कि जब शिक्षा विभाग ही नियमों के विपरीत कार्य कर रहा है तो शिक्षकों पर आदेश कैसे प्रभावकारी हो सकता है. वही शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग का यह निर्णय व्यवहारिकता से परे है. दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित आवासीय मकान में रहने पर सुरक्षा का खतरा उत्पन्न होगा, जिससे शिक्षकों पर हमेशा मानसिक दवाब बना रहेगा. शिक्षा विभाग को इस दिशा में सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था के उपरांत ही निर्णय लिया जाना श्रेयस्कर होगा. दूर-दराज के क्षत्रों में आवासीय मकान की अनुपलब्धता के कारण ही शिक्षकों को किराया के मकानों में रहना पड़ता है. शिक्षकों को अपनी सुविधा के अनुरूप ही आवासीय दृष्टिकोण से निर्णय के लिए स्वतंत्र रहने देना चाहिए.