समस्तीपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय समस्तीपुर के तत्वावधान में मीताराम बरबड़िया स्मृति भवन हसनपुर में आयोजित तीन दिवसीय स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी के दूसरे दिन श्रद्धालु उमड़ पड़े. जिज्ञासुओं को इस बात से अवगत कराया गया कि ऐतिहासिक दृष्टि से भारत प्राचीन काल में विश्व की सर्वाधिक समृद्ध सभ्यता रही है. ऐसे भारत को फिर से स्वर्णिम भारत दैवी राजस्थान बनाने के लिए परमपिता परमात्मा शिव श्रेष्ठ ज्ञान दे रहे हैं. इस ज्ञान से चहुंमुखी उन्नति होती है. इस श्रेष्ठ ज्ञान के लिए ही कहा गया है ज्ञान बिना गति नहीं, ज्ञान बिना सद्गति नहीं. इस संसार का नाम ही स्वर्ग है. स्व-परिवर्तन से विश्व-परिवर्तन की मुहिम इस प्रदर्शनी के माध्यम से आगे बढ़ाई जा रही है. शिविर में तीन लोकों के बारे में बताते हुए रोसड़ा से आई ब्रह्माकुमारी कुंदन ने कहा कि मूलवतन, सूक्ष्मवतन और साकार मनुष्य लोक मिलकर तीन लोक कहलाते हैं न कि आकाश, पृथ्वी और पाताल लोक.