समस्तीपुर : ऑप्शन मिलते ही वे शिक्षक की नौकरी छोड़ कर जा रहे हैं. पूर्व में विभिन्न नियोजन इकाई के तहत नियोजित 378 शिक्षक अलग-अलग नौकरियों या अन्य कारणों से नौकरी छोड़ रहे थे. अब नये बीपीएससी शिक्षक भी नौकरी छोड़ने लगे हैं. इसके पीछे अलग-अलग तर्क दिये जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक कक्षा 1-5 में नियुक्त 60 शिक्षक विभिन्न कारणों से इस्तीफा दे चुके हैं. इनमें अधिकांश शिक्षक केंद्रीय विद्यालय ज्वाइन कर शिक्षा दे रहे हैं. हालांकि इस्तीफा देने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ सकती है. इससे इतर कई एचएम ने बताया कि ज्यादातर ने कथित तौर पर मुख्य रूप से पिछले छह महीनों में बिहार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा शुरू किये गये सुधारों के कारण नौकरी छोड़ी है. शिक्षकों के इस्तीफे का एक अन्य कारण ग्रामीण और दूरस्थ पोस्टिंग भी है. इनमें सर्वाधिक शिक्षक उत्तर प्रदेश, पंजाब व नयी दिल्ली के हैं. विदित हो कि 9147 आवंटित शिक्षक में से 8484 काउंसलिंग में आये और 7899 ने नियुक्ति-पत्र लिया. शहर के एक नियोजित शिक्षक ने बताया कि अभी वह जिले के नगर निगम क्षेत्र में कार्यरत हैं. उनका चयन प्लस टू शिक्षक के लिए हुआ था. विभूतिपुर प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र में पोस्टिंग देने की वजह से उन्होंने ज्वाइन ही नहीं किया. मुंगेर के रहने वाले बीपीएससी चयनित शिक्षक ने बताया कि उनका ज्वाइनिंग बिथान प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र में दिया गया. योगदान के बाद आने जाने में परेशानी होने लगी तो इस्तीफ देना ही बेहतर समझा. वहीं केंद्रीय विद्यालय ज्वाइन करने वाले कुछ शिक्षकों ने त्याग पत्र के माध्यम से कहा है कि शिक्षा विभाग के आदेशानुसार विद्यालय का समय प्रातः 9 से सायं 5 तक तथा उसके पश्चात चुनाव का कार्य किया जाना है, तथा विद्यालय में मिलने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती तथा होली-दीपावली जैसे त्योहारों में एक दिन का अवकाश प्राप्त होगा. उत्तर प्रदेश के बलिया से समस्तीपुर तक आने में 14 घंटे से अधिक का समय लगता है. इस कारण होली, दीपावली और रक्षा बंधन जैसे पवित्र त्योहारों पर भी अपने परिवार से भेट नहीं कर पाऊंगा. वहीं कुछ शिक्षक प्रमाण पत्रों की जांच होने की बात सुनकर भी इस्तीफ दे रहे. विभिन्न प्रखंडों में हर दिन औसतन पांच से सात शिक्षकों के इस्तीफे आ रहे हैं. केंद्रीय विद्यालय संगठन में प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति के बाद से त्यागपत्र का सिलसिला शुरू हुआ है. शिक्षक संगठनों का कहना है कि अपर मुख्य सचिव के आदेश से शिक्षकों में खौफ का आलम है. शिक्षक लगातार अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर कई शिक्षकों ने कहा है कि अब अति होते जा रही है. शिक्षकों ने साफ कहा कि प्रैक्टिकल स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है. सिर्फ शिक्षकों पर गाज गिराई जा रही है.