समस्तीपुर : नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 33 स्थित पुरानी पोस्टमार्टम रोड में परिवार न्यायालय व न्यायिक पदाधिकारी के आवास निर्माण को हस्तांतरित खाली जमीन पर निगम प्रशासन द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य को स्थानीय पुलिस प्रशासन ने शनिवार को तत्काल प्रभाव से रोक दिया. जिसके बाद जिला प्रशासन और नगर निगम के मेयर सहित दर्जन भर से अधिक वार्ड पार्षद आमने-सामने हो गए. अंचलाधिकारी विनय कुमार व नगर थानाध्यक्ष विक्रम आचार्य ने कार्यस्थल पर मौजूद मेयर अनिता राम सहित वार्ड पार्षदों से बात कर समझाया और उन्हें कोर्ट को हस्तांतरित जमीन से संबंधित समाहर्ता का पत्र समर्पित किया. इसके बाद भी निगम के पार्षद मानने को तैयार नहीं थे. प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा घंटों वार्ता के बाद मेयर सहित पार्षदों को समझा बुझाकर शांत कराया कराया गया. अंचलाधिकारी ने बताया कि अगले आदेश तक उक्त जमीन पर निगम प्रशासन द्वारा कराए जा रहे निर्माण का काम बंद रहेगा. उन्होंने बताया कि निगम प्रशासन द्वारा ताजपुर रोड जिला परिषद मार्केट के पीछे पोस्टमार्टम गली में जिस खाली जमीन पर निर्माण कराया जा रहा था वह पिछले माह 15 अप्रैल को ही स्थानीय व्यवहार न्यायालय अंतर्गत परिवार न्यायालय एवं न्यायिक पदाधिकारियों के आवास के लिए हस्तांतरित कर दिया गया है. कोर्ट के बिना अनुमति के उक्त भूमि पर निर्माण करना विधि-विरुद्ध है. मेयर अनिता राम ने नगर पालिका अधिनियम के हवाला देते हुए बताया कि निगम क्षेत्र में सरकारी विभाग, कानूनी निकाय, जिला परिषद काे छोड़कर खाली सरकारी या सार्वजनिक जमीन निगम प्रशासन के अधीन है. उन्होंने बताया कि विगत माह बोर्ड की बैठक में जिला परिषद मार्केट के पीछे पोस्टमार्टम गली में खाली जमीन पर वेंडर जोन बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया था. ताकि ताजपुर रोड में सड़क किनारे मछली विक्रेताओं को इसमें शिफ्ट किया जा सके. पिछले अप्रैल माह में यह जमीन परिवार न्यायालय को हस्तांतरित कर दी गई है. निगम प्रशासन को इसकी सूचना नहीं थी. उन्होंने इस संबंध में जिलाधिकारी से वार्ता करने का प्रयास किया. लेकिन, वार्ता नहीं हुई. उन्हाेंने बताया कि जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद तत्काल निर्माण का काम बंद कर दिया गया है. जिलाधिकारी से मिलकर जल्द ही इसपर विचार विमर्श किया जाएगा. मौके पर वार्ड पार्षद रामबदन राय, कमलेश कुमार कमल, शिवशंभू कुमार, रुबी कुमारी, ममता कुंवर सहित दर्जनों वार्ड पार्षद मौजूद रहे.शहर में मांस, मुर्गे और मछली की खुलेआम बिक्री; नाले में बहाए जा रहे अपशिष्ट पदार्थशहर में रोक के बावजूद खुले में कटे मांस, मुर्गे व मछली की बिक्री हो रही है. शहर के ताजपुर रोड में ऐसी फुटपाथी दुकानें हाल के कुछ दिनों में अस्तित्व में आ गई है. जहां मीट-मुर्गे व मछली की बिक्री सड़क किनारे की जा रही है. सड़क किनारे मुर्गा व मीट काटने से दुर्गंध व प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है. बावजूद मीट-मुर्गे की दुकान चलाने वाले खुले में मीट-मुर्गा बेच प्रदूषण बढ़ाने के साथ ही राजस्व को भी नुकसान पहुंचा रहे है. नगर निगम व अनुमंडल प्रशासन द्वारा इस पर लगाम नहीं लगाए जाने से खून व मांस के टुकड़ों के साथ ही मुर्गे व बकरे जैसे जीवों के पंख, हड्डी आदि प्रदूषण को बढ़ रहे है. उधर से गुजरने पर लोगों को दुर्गंध का सामना भी करना पड़ रहा है. साथ ही अपशिष्ट को नाला में बहाए जान से नाला जाम की स्थिति उत्पन्न होती है. वर्ष 2015 में नगर विकास व आवास के प्रधान सचिव द्वारा भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेख है कि सड़क के किनारे फुटपाथ पर जगह जगह स्थापित पशु मांस की दुकानों में मांस उत्पादों की अमानवीय रूप से बिक्री से जन मानस पर कुप्रभाव पड़ता है. साथ ही यह सामाजिक विकृति का द्योतक है. इसलिए बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के धारा 245, 250 एवं 345 में पशु मांस उत्पादों को निर्धारित मानकों के अन्तर्गत विक्रय व्यवस्था की जांच के लिए नगर निकाय को प्राप्त शक्तियों के अनुरूप स्वस्थ व स्वच्छ पशु मांस, मछली उत्पादों की आपूर्ति व विक्रय व्यवस्था को व्यवस्थित किये जाये. इसके अन्तर्गत खुले में मांस, मछली, मुर्गा बिक्री की दुकान को संवेदनशील स्थल जैसे काॅलेज/स्कूल व धार्मिक स्थल के निकट नही खोला जाये. यदि इस तरह की दुकान है तो उसे तुरंत हटाया जाये. पशु मांस व मुर्गे की बिक्री स्थल को काले कपड़े लटकाकर आम लोगों के नजर से ओझल रखा जाये. बावजूद नियमों व आदेश की धज्जियां उड़ रही है. इससे इतर नगर निगम को शहर में वेडिंग जोन बनाने के लिए जमीन नही मिल पा रही है जहां इन्हें व्यवस्थित किया जा सके.