समस्तीपुर : सरकारी स्कूल के शिक्षक नित्य दिन जारी होने वाले फरमान से आक्रोशित है तो दूसरी ओर विभाग इसे शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था कायम करने की बात कह रही है. नये साल के पहले दिन एक जनवरी को सभी सरकारी स्कूल खुले रहेंगे. उस दिन से सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक नई व्यवस्था के तहत शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति एवं कक्षाओं से संबंधित पंजी संधारित करेंगे. इससे संबंधित निर्देश माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को दिया गया है. डीईओ मदन राय ने बताया कि विभागीय निर्देश के साथ शिक्षकों को दैनिक उपस्थिति एवं कक्षाओं से संबंधित पंजी संधारित करने वाली पंजी के फॉर्मेट भी भेजे गए हैं. फॉर्मेट के अनुरूप ही माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक नई व्यवस्था के तहत शिक्षकों की दैनिक उपस्थिति एवं कक्षाओं से संबंधित पंजी मुद्रित करायी जाएगी. पंजी में विद्यालय में पदस्थापित हर शिक्षक के नाम के सामने उनके द्वारा ली जाने वाली पहली से लेकर आठवीं तक की कक्षा संचालन की सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक की अवधि का घंटीवार उल्लेख होगा. नौवीं से बारहवीं तक की विशेष कक्षा तथा तीसरी से आठवीं कक्षा तक की मिशन दक्ष की ली जाने वाली कक्षाओं का भी उल्लेख होगा. इस बात का भी उल्लेख होगा कि कुल मिलाकर हर शिक्षक द्वारा कितनी कक्षाएं ली गईं. उसके बाद हर शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक के हस्ताक्षर के कॉलम होंगे. प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि विभागीय आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय उपाध्यक्ष रणजीत कुमार कहते है कि भोजपुरी में एक कहावत है, अबरा के मऊगी… भर घर के भउजी. इसका अर्थ होता है कमजोर का मजाक बनाना. शिक्षा व्यवस्था सुधारने में लगे शिक्षक कुछ इसी मानसिक स्थिति से गुजर रहे हैं. उन्हें अब लग रहा है कि उनका मजाक बनाया जा रहा है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी कोई भी आदेश हो, उसका पालन शिक्षक करते हैं. स्कूल में कुछ खामी हो, उसका दंड शिक्षक झेलते हैं. शिक्षक धूप में बैठकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. सभी शिक्षकों का वेतन बंद कर दिया जा रहा है. शिक्षक किसी कारणवश थोड़ी देर से पहुंच रहे हैं तो वेतन बंद कर दिया जा रहा है. ठंड जैसे मौसम में 5 बजे तक स्कूल में रुकने का कोई मतलब नहीं बनता है. इससे महिला शिक्षकों को परेशानी हो रही है. शिक्षा विभाग की मानें, तो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक का रिजल्ट बेहतर हो, इसके लिए ये व्यवस्था की गई है. साथ ही जब जिला शिक्षा पदाधिकारी और शिक्षा विभाग के कोई भी अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए जाएंगे, तो उन्हें ये ब्योरा पंजी खास तौर से दिखाई जाएगी. साथ ही इसकी रिपोर्ट केके पाठक तक भी भेजी जाएगी. ये फॉर्मेट उन शिक्षकों के लिए लाभकारी होगा, तो निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी करते हैं. ड्यूटी के दौरान किसी काम-काज से स्कूल छोड़कर गायब नहीं होते हैं. शिक्षकों ने बताया कि उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन बच्चों को पढ़ाने से ज्यादा अब शिक्षक इस फॉर्मेट को भरने में दिमाग लगाएंगे. शिक्षकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताए कि हम लोग ही सबसे कमजोर कड़ी हैं. जिसे मन करता है, बजाकर चला जाता है.