समस्तीपुर : मऊ बाजार स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में स्थापित माता के अद्भुत विग्रह के 21 वर्ष पूरे होने व भव्य मंदिर के निर्माण के उपलक्ष्य में आयोजित श्री शत चंडी महायज्ञ सह प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन सात दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा सत्र की शुरूआत हुई. शनिवार की देर शाम व्यास पीठ से कथा वाचन करते हुए श्रीधाम वृन्दावन से पधारे ख्यात कथा व्यास आचार्य योगेश प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि श्रद्धा, भक्ति भाव, उपासना सदाचार व शिष्टाचार बिना पूर्णता की प्राप्ति संभव नहीं है जो व्यक्ति जिस प्रकार की संगति में रहते हैं उनके गुण भी उसी तरह का हो जाता है. जीव अपने पुरुषार्थ से सब कुछ प्राप्त कर सकता है लेकिन परम ब्रह्म की कृपा बिना भागवत व आध्यात्मिक कार्य संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि ईश्वर एक है. वह सर्वत्र विराजमान हैं. श्रीमद् देवी भागवत के महात्म्य की चर्चा करते हुए कहा कि शक्ति प्रकृति के मूल में हैं. श्रृष्टि का आधार ही शक्ति है. शक्तिविहीन व्यक्ति का जीवन शववत है. शक्ति के सृजन का सर्वोत्कृष्ट पर्व है गुप्त नवरात्रि जो जीव साधारण बन इस गुप्त नवरात्रि में मां की उपासना करता है वह जीव साधारण से असाधारण व्यक्तित्व को प्राप्त कर सकता है. भक्त- श्रद्धालुओं को माता दुर्गा की अनंत शक्तियों के बारे में विस्तार से बतलाते हुए उन्होंने श्रोताओं को श्रीमद् देवी भागवत सुनने से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी. कहा कि बिना विधि के निधी की प्राप्ति संभव नहीं है. महाराज ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति ये मन बड़ा चंचल है,कैसे तेरा भजन करूं…, सांसों का क्या भरोसा.. आदि भजनों की सुरलहरियों से उपस्थित जनसमूह को भक्ति की सरिता में गोते लगाने को मजबूर कर दिया. इससे पहले यज्ञमान पद्माकर सिंह लाला व उनकी धर्मपत्नी सोनी सिंह ने व्यास पीठ,व्यास आचार्य पूजन वैदिक मंत्रोच्चार व आरती के बीच किया. मंगल आरती को लेकर भक्त श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा गया. उधर भक्त- श्रद्धालुओं ने मुखिया दिनेश प्रसाद सिंह की अगुआई में महाराज के विश्राम स्थल से लेकर कथा स्थल तक भव्य शोभा यात्रा निकाल कर उनका भव्य स्वागत किया. मौके पर यज्ञमान अर्जुन प्रसाद सिंह, राम बिहारी सिंह व बेबी देवी, नवीन कुमार सिंह व वंदना सिंह तथा पद्माकर सिंह लाला व सोनी सिंह आदि भक्ति भाव उपासना में लीन दिखे.