समस्तीपुर: विद्यापतिनगर प्रखंड के मऊ में सात दिवसीय महायज्ञ से इलाके में आस्था परवान चढ़ रही है. शिव मंदिर के समीप श्री शत चंडी महायज्ञ सह प्राण- प्रतिष्ठा महोत्सव धार्मिक शबाब पर है. यज्ञ मंडप परिक्रमा व हवन में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं. इससे स्थानीय तौर पर कण कण भक्तिमय हो चला है. संध्या से देर रात्रि कथा श्रवण श्रद्धालुओं के लिए जीवन का मूल मंत्र साबित हो रहा है. सात दिवसीय महायज्ञ के दूसरे दिन रविवार की देर शाम व्यास पीठ से कथा वाचन करते हुए श्रीधाम वृन्दावन के कथा व्यास आचार्य योगेश प्रभाकर महाराज ने श्रीमद् देवी भागवत की महात्यम् को रखा. कहा कि माता दुर्गा की महिमा अपरम्पार है. श्रीमद् देवी भागवत् पुराण सभी शास्त्रों तथा धार्मिक ग्रंथों में महान है. इसके सामने बड़े-बड़े तीर्थ और व्रत नगण्य हैं. इस पुराण के सुनने से पाप सूखे वन की भांति जलकर नष्ट हो जाते हैं. जिससे मनुष्य को शोक,क्लेश, दु:ख आदि नहीं भोगने पड़ते. जिस प्रकार सूर्य के प्रकाश के सामने अंधकार छंट जाता है उसी प्रकार देवी भागवत् पुराण के श्रवण से मनुष्य के सभी कष्ट, व्याधियां और संकोच समाप्त हो जाते हैं. आचार्य ने पराम्बा श्री जगदम्बा भगवती दुर्गाजी के पवित्र आख्यानों से युक्त इस पुराण में वर्णित श्लोकों की सुरम्य प्रस्तुति के बीच मानव जाति को समस्त सुखों को उपलब्ध कराने वाले आत्मिक शक्ति देने वाले तथा भोग और मोक्ष प्रदान कराने वाले पवित्रतम पुराण के आख्यान सुनाकर अनुगृहीत किया. वहीं योगेश प्रभाकर ने अपनी संगीतमय भजनों की प्रस्तुति से उपस्थित जनसमूह को भक्ति भाव से सराबोर कर दिया. इससे पहले यज्ञमान पदमाकर सिंह लाला व उनकी धर्मपत्नी सोनी सिंह ने व्यास पीठ व व्यास आचार्य पूजन वैदिक मंत्रोच्चार व आरती के बीच किया. मंगल आरती को लेकर भक्त श्रद्धालुओं की भारी संख्या उमड़ी थी. मऊ बाजार स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में स्थापित माता के अद्भुत विग्रह के 21 वर्ष पूरे होने व भव्य मंदिर के निर्माण के उपलक्ष्य में आयोजित श्री शत चंडी महायज्ञ सह प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में चौथे दिन प्रधान आचार्य श्री गोविंदाचार्य महाराज के निर्देशन में पंडित अभिषेक आदि दर्जन भर पुरोहितों ने वैदिक विधान पूजन किया. यज्ञशाला में यज्ञमान अर्जुन प्रसाद सिंह, रामबिहारी सिंह पप्पू व बेबी देवी, नवीन सिंह व वंदना सिंह तथा पद्माकर सिंह लाला व सोनी सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच यज्ञदेव का अनुष्ठान किया.