समस्तीपुर : बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से पढ़ाई करने के बाद ऋण जमा नहीं करने वाले विद्यार्थियों पर अब विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ऐसे विद्यार्थियों पर वित्त निगम ने कार्रवाई शुरू किया है. अबतक करीब 1300 से अधिक बच्चों को चिन्हित किया गया है. जिन्हे नोटिस भेजी गयी है. उन्हें जल्द से जल्द राशि जमा करने को कहा गया है. राशि जमा नहीं करने पर उनपर नीलाम पत्र वाद दायर किया जाएगा. बच्चों को किस्त में ऋण को जमा करने की मोहलत दी जा रही है. फिर भी बच्चें इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से ऋण लेकर पढ़ाई करने के दौरान किसी कारण से ड्रॉप आउट हुए बच्चों को एक मुस्त ली गई राशि को ब्याज के साथ वापस करना है. इस तरह के दर्जनों छात्रों को चिन्हित किया गया है. जो ड्रॉप आउट हो चुके हैं. लेकिन, वे भी पैसा जमा नहीं कर रहे हैं. वित्त निगम लगातार बच्चों के पते पर नोटिस भेज रहा है. अबतक एक दर्जन से अधिक बच्चों का पता गलत मिला है. इन बच्चों ने ऋण लेने के दौरान जो पता दिया था. उसपर वह या उसके परिजन नहीं मिले हैं. जिस कारण उनकी नोटिस वापस वित्त निगम कार्यालय को आ गई है. अब वित्त निगम कार्यालय ऐसे बच्चों का पता लगाने के लिए संबंधित संस्थान जहां व पढ़ाई किया है या उनके अन्य कागजात की मदद ले रहा है. उनको दुबारा नोटिस भेजा जाएगा. कोर्स कंपलीट करने के एक साल बाद उसे वापसी की प्रक्रिया शुरू होती है. ऋण पर छात्रों को प्रति वर्ष 4 प्रतिशत व छात्राओं को प्रतिवर्ष 1 प्रतिशत की दर से ब्याज लगता है. दो लाख से नीचे की राशि अधिकतम 60 किस्त जबकि दो लाख से उपर की राशि अधिकतम 84 किस्त में लौटानी होती है. कम समय में भी छात्र पैसा लौटा सकते है. पढ़ाई खत्म होने के बाद अगर जॉब नहीं लगता है तो छात्र शपथ पत्र देकर वापसी करने के लिए मोहलत ले सकते है. इसके लिए हर छह माह पर उसे जॉब नहीं लगने की एफिडिविट देनी होती है. उच्च और तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की हुई है. लोन लेने वाले को इस तरह के तीन नोटिस भेजे जाएंगे. इस नोटिस के बाद भी अगर लोन की राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो वैसे छात्रों के खिलाफ जिला मुख्यालय में सर्टिफिकेट केस दर्ज किया जाएगा.