वासंतिक नवरात्र के पहले दिन भक्ति भाव से शुरु हुई शक्ति की आराधना


समस्तीपुर: वासंतिक नवरात्र का नौ दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार से शुरु हो गया. पहले दिन श्रद्धालुओं ने घरों व मंदिरों में कलश स्थापना कर नवरात्र व्रत रखने का संकल्प लिया. भक्ति भाव से मां भगवती की पूजा अर्चना कर अपनी आस्था व श्रद्धा अर्पित की. देवी मंदिर व घरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जा रहा है. विभिन्न दुर्गा मंदिर एवं पूजा पंडालों से या देवी सर्वभूतेषु… जैसे वैदिक मंत्रों की ध्वनि दिशाओं में गूंज रही है. माहौल भक्ति, उत्सव व उल्लास से भरपूर है नवरात्र के पहले दिन सुबह से लोग पूजा की तैयारियों में जुट गए थे. पूजा स्थल पर साफ सफाई की गई. शुभ मुहूर्त में कलश स्थापित करते हुए श्रद्धालुओं ने नवरात्र व्रत रखने का संकल्प लिया. पूजा स्थल और मंदिरों में पुराेहितों के द्वारा सार्वजनिक कल्याण के लिए संकल्प लेकर कलश स्थापित कराया गया. प्रथम दिन श्रद्धालुओं ने मा शैलपुत्री की आराधना की गई. देवी मंदिरों में जाकर भगवती की आरती उतारी और मत्था टेककर मंगलकामना की. मिट्टी के दीप जलाए. इस दौरान पूजा पंडाल में श्रद्धालुओं की चहल पहल देखी गई. कई स्थानों पर गाजे-बाजे के साथ कलश शोभा यात्रा भी निकाली गई. नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्र में कोई फलहार, तो कोई निराहार रहकर दुर्गा की आराधना करते हैं. श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है

कलश शोभा यात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

नगर निगम क्षेत्र के दुधपुरा स्थित चैती दुर्गा मंदिर से गाजे बाजे के साथ कलश शोभा यात्रा निकाली गई. पूजा परिसर से सैकड़ों की संख्या में कन्याओं ने कलश में जल भरकर ताजपुर रोड, घरमपुर चौक मुख्य मार्ग से पैदल परिक्रमा करते हुए पूजा स्थल पहुंचे. इसके उपरांत मुख्य पुरोहित पंडित मायाकांत झा, विपिन झा ने वैदिक मंत्र के उच्चारण से कलश स्थापित किया. इसक उपरांत दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया. वैदिक मंत्रों की ध्वनी से माहौल भक्तिमय है. श्रद्धालुओं में भी काफी उत्साह है. मौके पर पूजा कमेटी के विजय गुप्ता, अनिल गुप्ता, नवीन सिंह, कृष्ण कुमारी तिवारी, संजय कुमार बब्लू, कुंदन तिवारी, नीरज तिवारी, विद्यानंद तिवारी, अशोक तिवारी, मुरारी तिवारी, रणवीर ठाकुर, चंदन तिवारी, हरिशंकर ठाकुर, अशोक मिश्रा, शशिरंजन तिवारी, मोहन कुमार सक्रिय रुप से मौजूद रहे. वहीं दूसरी ओर शहर के टुनटुनिया गुमटी स्थित शक्ति पीठ में विधि विधान से कलश स्थापित कर नौ दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ है.

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