बिहार बोर्ड की कार्यशैली से अभ्यर्थियों में आक्रोश

समस्तीपुर : नियोजित शिक्षकों के लिए होने जा रही सक्षमता परीक्षा 2024 का प्रवेश पत्र जारी किये जाने के बाद से बिहार बोर्ड की कार्यशैली को देखकर शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है. बुधवार को शिक्षा भवन पहुंच शिक्षक अभ्यर्थियों ने जमकर हंगामा किया. बिहार बोर्ड को कोसा. अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रवेश पत्र अभ्यर्थियों का हस्ताक्षर अपलोड नहीं किये जाने से डीपीओ स्थापना भी काउंटर सिग्नेचर करने से इंकार कर रहे हैं. साथ ही बोर्ड के स्तर से हुई त्रुटि का हवाला देते हुए पटना जाने की नसीहत दे रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक अब तक जिले के 9200 अभ्यर्थियों ने स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा आवेदन किया है. अभ्यर्थियों के मुताबिक करीब बीस फीसदी प्रवेश पत्र त्रुटिपूर्ण होने के कारण डीपीओ स्थापना हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. पूरे जिले में चल रहे इस परीक्षा के विरोध और हो-हंगामे के बीच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का एडमिट कार्ड ऑनलाइन अपलोड कर दिया है. बिहार बोर्ड द्वारा ये परीक्षा 26 फरवरी से लेकर 13 मार्च 2024 तक आयोजित की जा रही है. डीईओ मदन राय ने बताया कि सक्षमता परीक्षा का मतलब योग्यता परीक्षण है. “सक्षमता परीक्षा” का अर्थ होता है किसी व्यक्ति, संगठन, या प्रणाली की क्षमता को मापने और मूल्यांकन करने की प्रक्रिया. इस परीक्षा का उद्देश्य यह होता है कि व्यक्ति कितनी समर्थ है, कितनी योजना बना सकता है, और कितनी समस्याओं का समाधान कर सकता है. इस प्रकार की परीक्षा आमतौर पर व्यक्ति के विकास या प्रगति की मापक हो सकती है और उसे अपनी कमजोरियों को सुधारने और अपनी सक्षमताओं को बढ़ाने का मार्गदर्शन करने में मदद कर सकती है.

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