छह रुपये वाला अंडा ढूंढते फिर रहे सरकारी स्कूलों के एचएम

समस्तीपुर : जिले के सरकारी स्कूलों के शिक्षक परेशान हैं. वजह यह है कि उन्हें मीड डे मिल में बच्चों को अंडा खिलाना है. सरकार एक बच्चे को अंडा खिलाने के लिए छह रुपए दे रही है, लेकिन बाजार में इस रेट पर अंडा मिल ही नहीं रहा है. ठंड का मौसम शुरू होते ही अंडे की कीमत और बढ़ गई है. अभी अंडा नौ से दस रुपए तक पीस बिकने लगा है. सरकारी स्कूलों के बच्चों को मीड डे मिल योजना के तहत हफ्ते में एक दिन अंडा देना है. बच्चे अंडा मांग रहे हैं. हफ्ते के अन्य दिनों में स्कूल में कुछ कम बच्चे भी पहुंचते हैं, लेकिन अंडे वाले दिन स्कूल में बच्चों की भीड़ भी बढ़ जाती है. ऐसे में शिक्षकों के सामने चुनौती खड़ी हो जाती है. शिक्षकों के साथ अंडा बड़ी परेशानी बन रहा है. वे बच्चों को अंडा देने से मना नहीं कर सकते हैं. ग्रामीण इलाकों में तो कई बार इसको लेकर अप्रिय स्थिति भी बन जाती है. लोग कहासुनी और मारपीट तक पर उतारू हो जाते हैं. कई शिक्षक संगठन इन्हीं समस्याओं को देखते हुए उन्हें एमडीएम की जिम्मेदारी से मुक्त करने तक की मांग कर चुके हैं. बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुयी है. जिले के 2551 विद्यालयों में एमडीएम संचालित है. स्कूलों में संचालित मध्याह्न भोजन में अंडा अथवा मौसमी फल देने की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए प्रति अंडा व मौसमी फल का अधिकतम दर छह रुपये निर्धारित की गई है. यह निर्धारित अधिकतम दर केवल जनवरी व फरवरी माह के लिए ही लागू रहेगा. इस बावत मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने एमडीएम के डीपीओ को आवश्यक गाइडलाइन दिया है. कहा कि यदि जिले में अधिकतम दर से कम दर यदि अंडा व मौसमी फल उपलब्ध हो रहा है, तो कम दर ही क्रय किया जाना है. विशेष परिस्थिति में ही अधिकतम दर छह रुपये अंडा व मौसमी फल का क्रय किया जाना है. गाइडलाइन के अनुसार अतिरिक्त व्यय को तत्काल उपलब्ध राशि से ही प्रतिपूर्ति करना है. इधर, ठंड के मौसम में अंडा की दर में बढ़ोत्तरी होने से इसके आपूर्ति में हेडमास्टर को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था. ज्ञात हो कि हिन्दी स्कूलों में प्रत्येक शुक्रवार को और उर्दू स्कूलों में प्रत्येक रविवार को मध्याह्न भोजन योजना के शाकाहारी बच्चों को मौसमी फल व मांसाहारी बच्चों के इच्छा पर प्रति बच्चा एक-एक उबला अंडा देने का प्रावधान है. सरकार के स्तर से भले ही बच्चों के हित में अंडा और मौसमी फलों की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है, पर यह बढ़ोतरी नाकाफी है. जानकारों का कहना है कि ठंड के चलते अंडा का थोक दर प्रति अंडा 9 रुपये हैं. वहीं, सरकार का दर अब भी प्रति अंडा 3 रुपये कम है. इस लिहाज से शायद ही किसी स्कूल के बच्चे को इस कड़ाके की ठंड में अंडा नसीब होगा. दिसंबर 2023 तक एमडीएम के तहत बच्चों को दिये जाने वाले अंडा और मौसमी फल का रेट पांच रुपये प्रति पीस निर्धारित था, जिसे बढ़ाकर अब 6 रुपये कर दिया गया है. हालांकि यह दर भी मात्र जनवरी और फरवरी 2024 दो माह के लिए ही निर्धारित की गई है. मार्च से फिर पुराने दर यानी पांच रुपये प्रति पीस की दर से ही अंडा खरीद कर बच्चों को उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया गया है. इस आशय का पत्र एमडीएम निदेशक की ओर से जारी किया गया है. उन्होंने सभी एमडीएम डीपीओ को भेजे पत्र में यह स्पष्ट कर दिया है कि अंडा/मौसमी फल की खरीद पर होने वाले अतिरिक्त व्यय की पूर्ति उपलब्ध राशि से ही करने की बात कही है. डीईओ मदन राय ने बताया कि विभाग को स्थित से अवगत कराते हुए रेट में वृद्धि करने का अनुरोध किया जायेगा.

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