समस्तीपुर : जिला परिषद उपाध्यक्ष ठाकुर उदय शंकर के नेतृत्व में जिप सदस्यों ने उपविकास आयुक्त को मांगों का ज्ञापन सौंपा है. दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि षष्टम राज्य वित्त आयोग की राशि से सभी जिला परिषद क्षेत्रों में कुल कितनी योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी इसका वित्तीयवार आंकड़ा उपलब्ध कराया जाये. वहीं जिन योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है, उसकी सूची विभागवार उपलब्ध करायी जाये. जिन योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है, उसका कार्य अविलंब प्रारंभ की जाये. पद्रहवीं वित्त आयोग की राशि से अभी तक लगभग 60 करोड़ की योजनाओं का प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है और सभी क्षेत्रों में कार्य भी पूर्व में किया गया था, जिसका अभी तक कितना भुगतान किया गया है. आपके स्तर पर कितनी योजनाओं का भुगतान लंबित है. इसकी अद्यतन सूची उपलब्ध कराने की मांग की गयी है. जितनी भी योजनाओं की जियो टैगिंग हो चुकी है उस कार्य को प्रारंभ करने के लिये विभागीय आदेश अपने स्तर से संबंधित कर्मियों को देने की बात कही गयी है. किसी कारणवश अगर किसी क्षेत्र में योजनाओं की जियो टैगिंग नहीं हुआ है तो उन योजनाओं का भी जियो टैगिंग कराने की प्रक्रिया अविलंब शुरू करने को कहा गया है. षष्टम राज्य वित्त आयोग मद से ली जाने वाली अनुपूरक योजनाओं को अविलंब सभी सदस्यों से मांग की जाये ताकि यथाशीघ्र उन योजनाओं का क्रियान्वयन हो सके. जिला परिषद से मनरेगा की योजनाओं का भी क्रियान्वयन पूर्व में हुआ था, जिसका भुगतान लगभग चार वर्षों से लंबित है, जिस कारण सामग्री आपूर्तिकर्ता एवं मजदूर जिन्होंने उन कार्य योजनाओं में काम किया था उसकी स्थिति बहुत दयनीय बनी हुई है.पूर्व में भी सामग्री आपूर्तिकर्ताओं ने लिखित रूप से किया था कि जिनका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है, उनकी संबंधित संचिकाओं का अवलोकन कर यथाशीघ्र भुगतान किया जाये. मनरेगा कार्य को भी नयी योजना लेकर क्रियान्वित की जाये, ताकि क्षेत्र का विकास हो और मजदूरों का पलायन रुके. प्रतिनिधि मंडल में उर्मिला देवी, मंजू देवी, अरुण कुमार, अमिता कुमारी, मंजू त्रिवेदी, धर्मेन्द्र पासवान, अरुण गुप्ता, धीरेन्द्र झा आदि शामिल थे.
डीडीसी से मिलकर जिप सदस्यों ने सौंपा मांगों का ज्ञापन
