दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों ने मेधा का परचम लहराया

समस्तीपुर : ताजपुर प्रखंड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्रों ने श्रीनिवास रामानुजन टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में मेधा का परचम लहराते हुए अपने विद्यालय व जिले का नाम राज्य स्तर पर गौरवान्वित किया है. निदेशक मसूद हसन ने बताया कि कक्षा 9वीं के छात्रों ने एक बार फिर बाजी मारी है. इस टैलेंट सर्च प्रतियोगिता में रैंक 1,2,3 व 6 इसी स्कूल के छात्रों ने प्राप्त किया है. राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर रैंक 1 व 2 प्राप्त करने वाले छात्र को पटना में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया एवं रैंक 3 एवं 6 वाले को समस्तीपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में एडीएम राजेश कुमार सिंह व जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय द्वारा सम्मानित किया गया. विदित हो कि दिल्ली पब्लिक स्कूल ताजपुर के दो होनहार छात्र कक्षा 8 के सूरज कुमार व निशांत कुमार ने वर्ष 2022 में भी श्रीनिवासन रामानुजन मैथमेटिक्स टैलेंट सर्च टेस्ट में चौथा व पांचवां स्थान प्राप्त किया था. निदेशक ने बताया कि गणित की चिंता के पहले लक्षण तब दिखाई देने लगते हैं जब बच्चा बुनियादी अंकगणितीय कार्यों को करने में बहुत अधिक समय लेता है. ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं है कि उन्हें प्रक्रिया की जानकारी नहीं है, बल्कि यह संख्याओं को लेकर उनकी बेचैनी है. यदि आपके बच्चे को व्यक्तिगत रूप से या दो, पांच, या दहाई के समूह में संख्याओं को गिनना चुनौतीपूर्ण लगता है और वह अपने साथियों की तुलना में पीछे है, तो यह गणित भय की शुरुआत हो सकती है. प्राचार्य प्रीति शर्मा ने बताया कि भले ही गणित की चिंता और डिस्केल्कुलिया के लक्षण समान प्रतीत होते हों, लेकिन दोनों एक जैसे नहीं हैं. गणित की चिंता एक मनोवैज्ञानिक कारण से उत्पन्न होती है जहां बच्चे ने एक अवधारणा तैयार कर ली है और उसे समझ लिया है फिर भी उसे प्रदर्शन करने की उसकी क्षमता पर संदेह हो सकता है. जबकि, डिस्केल्कुलिया बच्चे को शुरू से ही गणितीय अवधारणा को समझने से रोक सकता है. डिस्केल्कुलिया एक ऐसी स्थिति है जिसे मस्तिष्क के ललाट लोब के आसपास के क्षेत्र की शिथिलता के रूप में समझा जाता है और यह आवश्यक रूप से संज्ञानात्मक क्षमताओं को प्रभावित नहीं करता है.

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