धर्म व मानवीय सहिष्णुता का संदेश देने को अवतरित हुए थे राम-कृष्ण

समस्तीपुर : समाज में धर्म के पर्याय के रूप में चरित्र और पारिवारिक सद्भाव के पर्याय के रूप में सहिष्णुता का संदेश देने के लिए राम और कृष्ण ने अवतार लिया था. विष्णु के इन दोनों अवतारों ने संस्कार और जीवन की पद्धतियों में संघर्ष को महत्त्व दिया. उन्होंने यह सिद्ध किया कि किसी भी पुरुष को अपने पुरुषार्थ पर विश्वास के साथ अडिग रहना चाहिए. पुरुषार्थ के विरोधी हर कदम पर परीक्षा लेती है. इन परीक्षाओं से गुजरना स्वाभाविक रूप से बहुत कठिन है. लेकिन असंभव नहीं. यह बातें शनिवार को राम-कृष्ण जन्म के दैविक प्रयोजन पर कथावाचन करते हुए श्रीधाम वृदावन से पधारे कथावाचक आचार्य राहुल कृष्ण महाराज ने कहीं. उन्होंने भक्ति और समर्पण के साथ ईश्वर पर विश्वास करना आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा करके ही मनुष्य अपने भीतर के पुरुषार्थ को सशक्त बनाये रख सकता है. बताते चलें कि कालेज गेट मोहनपुर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे. मक्खन मिश्री के प्रसाद का भाग लगाकर प्रसाद वितरित किये गये. इस दौरान आयोजक युगल किशोर साह, अशोक राय, अभिनीत कुमार, राजेश राय, उमेश राय, रघुवंश राय, महेन्द्र साह, भोला राय, नीतीश कुमार की सक्रियता देखी गयी.

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