समस्तीपुर : बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क के निर्माण कार्य में मंगलवार को उस समय गतिरोध आ गया, जब सैकड़ों की संख्या में जुटे स्त्रियों और पुरुषों ने निर्माण स्थल पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. तीन घंटे तक अफरातफरी की स्थिति बनी रही. निर्माण कार्य में लगे मजदूर और कर्मचारी अंततः कार्य रोकने को विवश हो गये. पूर्व से ग्रामीणों ने निर्माण कार्य को रोकने की चेतावनी दे रखी थी. इस प्रकार कार्य में मंगलवार को अपेक्षित गति भी नहीं देखी जा रही थी. कार्य प्रायः आज सुबह से ही बंद जैसा था. डुमरी दक्षिणी और राजपुर जौनापुर पंचायत के लोग पहले से ही निर्माणाधीन सड़क के बीच-बीच में बड़े आकार के पुल एवं मोहिउद्दीननगर-हरैल-जौनापुर पीडब्ल्यूडी पथ के मिलान-स्थल पर सेवा पथ देने की मांग करते रहे हैं. इसके लिए लोगों ने अनेक बार पहले भी आंदोलन किये हैं. उल्लेखनीय है कि बख्तियारपुर से ताजपुर को जोड़ने वाली निर्माणाधीन फोरलेन सड़क प्रखंड की राजपुर जौनापुर और दक्षिणी डुमरी पंचायत से होकर गुजरती है. इन दोनों पंचायतों की बडी आबादी बाढ के कारण प्रभावित होती है. अनेक परिवारों की सैकडों एकड़ कृषि भूमि एवं गृह भूमि इस सड़क के प्रभाव में आती है. यह गंगा नदी का तटवर्ती क्षेत्र है. यहां हर साल बाढ़ की आशंका बनी रहती है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां की आबादी कि मांग है कि निर्माणाधीन बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क में अपेक्षित स्थान पर बड़े आकार के पुल दिया जाये. लेकिन निर्माणाधीन सड़क की एजेंसी छोटी-छोटी पुलियां दे रही है. लोगों का कहना है कि छोटे आकार की पुलिया से पानी का बहाव प्रभावित होता है और एक तरफ के परिवारों के गृह भूमि एवं कृषि भूमि प्रभावित होती है. लोग बड़े आकार के पुल देने के पीछे यह भी तर्क देते हैं कि उन्हें अपने खेतों तक ट्रैक्टर ले जाने में आसानी होगी. उल्लेखनीय है कि बाढ़ के समय में राजपुर जौनापुर और डुमरी दक्षिणी पंचायत के चपरा, शाहआलमपुर के अतिरिक्त माटिऔर गांव संकट में आते हैं. लोगों को पहुंच पथों के टूट जाने का खतरा भी उठना पड़ता है. बाढ़ और कटाव का हर साल भय बना रहता है. वैसी स्थिति में यदि बड़े आकार का पुल नहीं दिया गया, तो इस सड़क से जल निकासी नहीं हो सकेगी. ग्रामीणों ने इसको लेकर अनेक बार आंदोलन किये है. लेकिन निर्माणाधीन एजेंसी और सरकार ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया है. मंगलवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने निर्माण को बाधित किया और जमकर नारेबाजी किया. इससे पहले सोमवार को निर्माण एजेंसी के अधिकारियों, क्षेत्रीय विधायक राजेश कुमार सिंह एवं ग्रामीणों के बीच बातचीत भी हुई थी, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही थी. इसके बाद मंगलवार को ग्रामीण आक्रोशित होकर काम रोकने पहुंच गये.