ड्रग्स समाज को धीरे-धीरे खोखला कर रही है : प्रो सुनीता

समस्तीपुर : वीमेंस कॉलेज आईक्यूएसी यूनिट की ओर से महाविद्यालय की छात्राओं के लिए नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस के मार्गदर्शन में राज्य स्तरीय समन्वय एजेंसी, बिहार एवं झारखंड के तत्वावधान में प्रधानाचार्या प्रो सुनीता सिन्हा की अध्यक्षता में हुआ. सर्वप्रथम एसएलसीए के समन्वयक मनोज कुमार सिंह द्वारा महाविद्यालय की प्रधानाचार्या को मोमेंटो से सम्मानित किया गया. प्रधानाचार्या प्रो सिन्हा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि ड्रग्स ऐसी एक बुराई है जो समाज को धीरे-धीरे खोखला कर रही है. परिवारों को जड़ से खत्म कर रही है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि ग्लैमर के कारण नशीली दावों का सेवन करने वाले में लड़कियों भी शामिल हो रही है. समन्वयक मनोज कुमार सिंह ने ड्रग्स की परिभाषा, ड्रग्स के प्रकार, उसके दुष्परिणाम, सरकार की पहल, नियम, कानून आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी. आशा सेवा संस्थान के सचिव अमित कुमार वर्मा ने कहा कि पान मसाला और गुटखा जैसे उत्पादों के साथ ड्रग्स का मिश्रण कर इन्हें स्कूल और कॉलेज के छात्रों के बीच बेचा जाता है. आईक्यूएसी कॉर्डिनेटर डॉ विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि ड्रग्स देश की आर्थिक क्षमता को भी प्रभावित करता है. क्योंकि युवा नशीली दावों की दुरुपयोग में लिप्त होते हैं और इसकी हानि जनसांख्यिकी लाभांश को उठानी पड़ती है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ कविता वर्मा ने दिया. कार्यक्रम बहुत ही ज्ञानवर्धक रहा, बच्चे ने सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया. मौके पर प्रो अरुण कुमार कर्ण, डॉ पूनम कुमारी, डॉ सुमन कुमारी, डॉ मीणा कुमारी ब्रह्माणी, डॉ शबनम कुमारी, डॉ स्वीटी दर्शन, डॉ वंदना कुमारी, डॉ लालिमा सिन्हा, डॉ सोनल कुमारी, डॉ सुरेश साह, डॉ मृत्युंजय कुमार ठाकुर, डॉ अपूर्वा मुले आदि थे.