समस्तीपुर : नियोजित शिक्षकों के लिए प्रस्तावित सक्षमता परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होने के बाद से अब तक जिले के करीब 1500 नियोजित शिक्षकों ने आवेदन पत्र भरा है. नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए आयोजित की जाने वाली परीक्षा को सक्षमता परीक्षा कहा जाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए शिक्षकों को तीन मौके मिलेंगे. यह सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी से 13 मार्च तक आयोजित की जाएगी. अगर नियोजित शिक्षक इस परीक्षा को पास कर लेते हैं, तो उन्हें सैलरी बीपीएससी द्वारा बहाल किए गए शिक्षकों के अनुरूप पे स्केल दिया जाएगा. वही जब से यह घोषणा की गयी है कि सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण करने वाले नियोजित शिक्षकों का पदस्थापन राज्य के शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में होगा. यह पदस्थापन मेरिट लिस्ट के आधार पर होगा. उसके बाद से शिक्षकों द्वारा आवेदन करने की संख्या में वृद्धि हुई है. चूंकि नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का पहला चरण 26 फरवरी से शुरू हो रहा है. इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारी से कहा है कि शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षकों से संबंधित रेशनलाइजेशन (चक्रानुक्रम) प्रस्ताव 29 फरवरी तक अनिवार्य रूप से विभाग को उपलब्ध करा दें, ताकि शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले शिक्षकों का पदस्थापन सुनिश्चित किया जा सके. वही शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है. शिक्षक नियमावली में संशोधन करने की मांग कर रहे हैं. सरकार द्वारा नियोजित शिक्षक को सक्षमता परीक्षा देने का निर्देश जारी किया गया है. पत्र के माध्यम से यह निर्देश दिया गया है कि सभी नियोजित शिक्षक को सफलता परीक्षा देना है. अगर नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा नहीं देंगे और पास नहीं करेंगे तो उनको सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा. नौकरी से भी हाथ धोना पड़ेगा. वही सक्षमता परीक्षा के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश डीएम को दिया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट कहा कि आंदोलन को लेकर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. इन सभी गतिविधि पर नजर रखी जाये. संगठन या शिक्षक आंदोलन करेंगे तो उनके खिलाफ विभागीय नियमावली में विहित प्रावधान के आलोक में कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई प्रारम्भ की जाये. सरकार के इस कदम से शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है.