समस्तीपुर : फेडरेशन ऑफ़ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एसोशियेशन ऑफ़ इंडिया के आह्वान पर बुधवार को पूरे जिले के मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. हड़ताल के दौरान जिले भर के सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स जिला मुख्यालय में इकट्ठा हुए. इसके बाद जमकर विरोध प्रदर्शन किया. शहर की मुख्य सड़कों पर बाइक जुलूस निकाली गयी. इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गयी. दवा के दाम नियंत्रित कर गरीबों की परेशानी कम करो के नारों से पूरा शहर गूंजता रहा. अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे बीएसएसआरयू के जिलाध्यक्ष पार्थो सिन्हा का कहना था कि वर्ष 1976 में लगातार हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन के उपरांत मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव के लिए एफएमआरएआई सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज (कंडीशन ऑफ़ सर्विसेज) एक्ट हासिल की. उन्हें एक श्रमिक का दर्जा मिला और विभिन्न श्रम कानून के प्रावधानों को प्राप्त करने का अधिकार हासिल हुआ. जिसके तहत उसे कई तरह की सुविधा एवं सुरक्षा मुहैया करायी गयी. लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा इस कानून में बदलाव कर बार कोड लाने का प्रयास किया गया है. जिस कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. यूनियन के सचिव श्यामसुंदर कुमार ने कहा कि भारत सरकार की मजदूर एवं जन विरोधी नीतियों के खिलाफ यह सांकेतिक आंदोलन है. केंद्र एवं राज्य सरकार से अपने क़ानूनी अधिकार, दवा एवं चिकित्सा उपकरणों के मूल्य में कमी तथा उसकी सहज उपलब्धता के लिए बिहार झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन के सदस्य आंदोलन करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि जबतक पूर्ण रूप से मेडिकल एवं सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स के लिए लागू “सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज (कंडीशन ऑफ़ सर्विसेज) एक्ट, 1976 को लागू नहीं किया जाता, काम की वैधानिक कार्य नियमावली नहीं तैयार की जाती. सेल्स के आधार पर उत्पीड़न और छटनी बंद नहीं होता तबतक यूनियन आंदोलन को जारी रखेगा.