समस्तीपुर : जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी, समस्तीपुर द्वारा स्वास्थ्य विभाग में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के उपलब्धि की समीक्षा की. भव्या पोर्टल की समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि जिलान्तर्गत कुल 38 स्वास्थ्य संस्थान यथा सदर अस्तपाल-01, अनुमंडलीय अस्तपाल-04 रेफरल अस्पताल-01, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-11, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र-05 एवं हेल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर-16 में भव्या कार्यक्रम संचालित है. जिसमें अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को भव्या पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन निबंधन एवं दवा वितरण किया जाना है. जिलाधिकारी ने 50 प्रतिशत से कम निबंधित मरीजों के बीच ऑनलाइन दवा वितरण करने वाले चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा है. इसमें पीएचसी वारिसनगर, एपीएचसी सलेमपुर, एपीएचसी रूपौली, एपीएचसी वीरसिंहपुर,पीएचसी शिवाजीनगर तथा एपीएचसी चंदौली मोरवा शामिल है. डीएम ने जरूरी सुधार लाने का निर्देश दिया है. अगली बैठक में भव्या के जिला समन्वयक को उपस्थित होने का आदेश दिया है. डॉक्टर मॉनिटरिंग रिपोर्ट की समीक्षा की गयी. ओपीडी में चिकित्सकों के द्वारा देखे गये मरीजों की संख्या के बारे में पूछा गया. समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि कुछ चिकित्सक के द्वारा काफी कम संख्या में मरीजों को चिकित्सीय सेवा प्रदान किया गया है. इनमें डॉ. राजीव झा , डॉ. अदिति प्रियदर्शनी, डॉ. ईशरत परवीन, डॉ. राजेश कुमार यादव, डॉ. एनके चौधरी तथा डॉ. मनीष कुमार शामिल हैं. जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक के ओपीडी की संख्या में आवश्यक सुधार लाने का निर्देश दिया गया. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत चलन्त चिकित्सा दल के द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में किये गये कार्यों की समीक्षा की गयी. इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मोहनपुर, पूसा, बिथान, सरायरंजन, विभूतिपुर, वारिसनगर में कम प्रतिशत उपलब्धि पायी गयी. हसनपुर और पटोरी में आरबीएसके टीम में चिकित्सक पदस्थापित नहीं होने के कारण उपलब्धि शून्य पायी गयी. बताया गया कि प्रत्येक टीम के द्वारा कम से कम 80 बच्चों का स्वास्थ्य जांच प्रतिदिन किया जाना है.कम उपलब्धि के कारण जिलाधिकारी ने संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया. अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत 06-59 महीने की उम्र के बच्चों को दिये गये आयरन सिरप की समीक्षा की गयी. समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उजियारपुर एवं पूसा को छोड़कर अन्य सभी स्वास्थ्य संस्थानों की उपलब्धि 40 प्रतिशत से अपेक्षाकृत काफी कम है, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कारण पृच्छा करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अन्तर्गत सभी संस्थानों को हाई रिक्स प्रेगनैंसी को चिन्हित (10 प्रतिशत) करने का निर्देश दिया गया. हाई रिक्स प्रेगनैंसी 5 प्रतिशत से कम होने के कारण ताजपुर, बिथान, शिवाजीनगर, मोहनपुर, हसनपुर तथा समस्तीपुर के चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने का आदेश दिया. ई-संजीवनी कार्यक्रम के अन्तर्गत किये गये टेली कन्सलटेशन की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कुछ स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत चिकित्सकों के द्वारा 100 से भी कम टेली कन्सलटेशन किया गया है. जिसमें डॉ. प्रज्ञा प्राची, प्रियंका प्रियर्दशनी, रीचा कुमारी, रतन प्रिया, विकास, जाहिन फातमा, कृष्णा सिंह, पल्लवी कुमारी, रवि राज, आर्या, प्रियंका कुमारी, विकास कुमार, कुमारी करिश्मा, रिया तथा रागीब अंसारी शामिल हैं. सबों से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया डीएम ने दिया. साथ ही 500 से कम टेली कन्सलटेशन करने वाले स्पोक्स बिथान, वारिसनगर, मोरवा, मोहनपुर, शिवाजीनगर, हसनपुर, पूसा, रोसड़ा, पटोरी तथा मोहिउद्वीननगर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया. गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व पंजीकरण शत-प्रतिशत किया जाना है, जबकि मोरवा, समस्तीपुर तथा खानपुर इसमें पीछे है. उक्त सभी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया. शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के प्रथम त्रिमास में प्रसव पूर्व जांच कर पंजीकरण किया जाना है. जबकि समस्तीपुर (शहरी एवं ग्रामीण) में मात्र 62.92 प्रतिशत हुआ, जो अन्य स्वास्थ्य संस्थानों से अपेक्षाकृत काफी कम है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कारण पृच्छा करने को कहा गया है. गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व 04 और उससे अधिक जांच कराया जाना है. जबकि पूसा में यह अपेक्षाकृत काफी कम है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कारण पृच्छा करने को कहा गया. बैठक में जिला स्तर से उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति के सभी पदाधिकारी, प्रखंड स्तर से उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, अस्पताल प्रबंधक, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अन्य सहयोगी संस्थान के प्रतिनिधि उपस्थित थे.