समस्तीपुर : ट्रेनों का परिचालन बाधित कर लूटपाट करने वाले असामाजिक तत्व को पकड़ने के लिए शनिवार को रेल प्रशासन ने हीरो का सहारा लिया है. मिली जानकारी के मुताबिक समस्तीपुर रेल मंडल के मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर ओएचई पोल पर लगे काउंटर वेट को काट असामाजिक तत्व परिचालन को बाधित कर रहे है. इस रेल खंड के चार स्थानों पर असामाजिक तत्व काउंटर वेट को काटने की घटना को अंजाम दे चुके है. समस्तीपुर रेल मंडल ने इस मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए सतत माॅनिटरिंग कर नकेल कसने का निर्णय लिया है. इसकी जिम्मेदारी आरपीएफ को दी गयी है. आरपीएफ ने असामाजिक तत्व को दबोचने के लिए हीरो को शनिवार को नरकटियागंज जननायक एक्सप्रेस से रवाना किया.
667 किलो तक होता है काउंटर वेट
रेलवे में पटरियों के किनारे ओएचई होता है, जिसे ओवर हेड इक्वेपमेंट कहा जाता है. इसके सहारे से ही रेलवे बिजली के केबल को लटकाता है, जिससे इलेक्ट्रिक इंजन बिजली लेकर चलता है. धातु की प्रवृत्ति सर्दी और गर्मी के मौसम में बदलती रहती है. इलेक्ट्रिक ट्रेनों को बिजली आपूर्ति करने वाली तार भी धातु की होती है, जिसमें 25,000 वॉट करंट होता है. यह करंट इतना होता है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा छूने पर उसे जला सकता है. वहीं, गर्मी के मौसम में तार गर्म होकर फैलती है, जिससे यह धीली हो जाती है, जबकि सर्दी के मौसम में तार सिकुड़ने लगती है, जिससे इसके टूटने का संभावना रहती है. रेलवे में ओएचई केबल में तारों को एक ही स्थिति में बनाए रखने के लिए 2000 किलो का टेंशन बनाए रखना होता है, जिससे इलेक्ट्रिक इंजन को बिजली मिलती रहे. क्योंकि, रेलवे लोकोमोटिव के ऊपर लगा पेंटोग्राफ तार के ढीले होने पर करंट नहीं ले सकेगा, जिससे ट्रेन के संचालन पर फर्क पड़ेगा. ऐसे में केबल को ड्रॉपर की मदद से एक निश्चित स्थान पर लटका कर करंट की आपूर्ति की जाती है. ओएचई तार सर्दी और गर्मी के मौसम में सिकुड़ती और फैलती है, जिससे इसके टूटने की संभावना रहती है. ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए रेलवे ओएचई पोल पर ऑटो टेंशिनिंग उपकरण का इस्तेमाल करता है. इसके लिए तारों को पुली के माध्यम से जोड़ा जाता है, जिसके अंत पर काउंटर वेट लटकाया जाता है, जिसका वजन 667 किलो तक होता है. इसके माध्यम से यह तारों का रूप बदलने की दिशा में खुद से संतुलित होता है. यानि यदि केबल धीली पड़ेगी, तो यह केबल को कस देगा, जिससे ट्रेन के संचालन में बाधा नहीं आएगी. वहीं, यदि तार सिकुड़ने लगेगी, तो यह पुली के माध्यम से तारों को ढीला करेगा.