समस्तीपुर : जिले के सरकारी प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों में अब कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य होगी. समय-समय पर इसकी माॅनिटरिंग भी होगी. कंप्यूटर शिक्षक बहाली के बाद एजेंसी से बहाल इन्स्ट्रक्टर को हटाया जायेगा. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने डीईओ को पत्र भेज कर कहा है कि हाई स्कूलों में बच्चों की कम्प्यूटर शिक्षा देने के उद्देश्य से स्थापित की गयी आईसीटी लैब में बीपीएससी द्वारा बहाल कम्प्यूटर शिक्षक ही बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा देंगे. 31 मार्च 2024 के बाद एजेंसी से बहाल आईसीटी इंस्ट्रक्चर से सेवा नहीं ली जायेगी. हालांकि, जिन विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षक नहीं हैं, उन स्कूलों में एजेंसी से बहाल आईसीटी इन्स्ट्रक्टर से कार्य लिया जायेगा. जानकारी के मुताबिक 97 स्कूलों में आईसीटी लैब चलायी जा रही हैं. वही मार्च में एक बार फिर जिले के चिन्हित मिडिल और हाई स्कूलों को आईसीटी (इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी लैब) का तोहफा मिलेगा. इसको लेकर विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है. इससे पहले जिले में पहले चरण में चयनित स्कूलों में आईसीटी लैब का संचालन हो रहा है, जबकि दूसरे चरण में चयनित जिले के मिडिल और हाई स्कूलों में से करीब 50 प्रतिशत में आईसीटी लैब का निर्माण पूरा हो चुका है. जबकि बाकी बचे स्कूलों में लैब निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय ने बताया कि मौजूदा समय में कंप्यूटर शिक्षा का महत्व बढ़ गया है. बिना कंप्यूटर ज्ञान के छात्रों को कॅरियर निर्माण की दिशा में काफी परेशानी होती है. इसको लेकर एक बार फिर से शिक्षा विभाग को आईसीटी लैब निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. इसके निर्माण की शिक्षा विभाग ने स्वीकृति दे दी है. मार्च से लैब निर्माण का काम शुरू कराया जायेगा. डीईओ ने कहा कि पूर्व से जिले में कई आईसीटी संचालित हैं. जबकि नये आईसीटी में से 95 प्रतिशत में काम पूरा हो गया है. इसके अलावा जिले में आईसीटी लैब के बेहतर संचालन के लिए राज्य स्तर से एक जिला प्रोग्रामर की तैनाती की जायेगी.