समस्तीपुर : जिला परिषद उपाध्यक्ष अंजना राय की कुर्सी छीन गयी है. उनके खिलाफ लाये गये अविश्वास को लेकर बुधवार को जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई. बहस में कई जिप सदस्यों ने भाग लिये. अंजना राय पर लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 38 वोट मिले, वहीं अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष महज दस वाेट मिले. इसके साथ उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी. विदित हो कि जिला परिषद उपाध्यक्ष के खिलाफ जिप सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. अविश्वास प्रस्ताव में उपाध्यक्ष के खिलाफ पांच आरोप लगाये गये थे. लगाये गये आरोपों में लगभग ढाई वर्ष में उपाध्यक्ष का अपने कार्यालय कक्ष में 26 जनवरी और 15 अगस्त को ही आने की बात कही गयी थी. जिला परिषद के संकल्पों एवं योजनाओं के कार्यान्वयन में कोई सहयोग नहीं करने, जिला परिषद के सदस्याें के साथ आपसी मंत्रणा नहीं करने, मनमाने ढंग से कार्य करने, कार्यालय पर कोई पकड़ नहीं रहने के कारण विभिन्न योजनाओं की राशि समय से खर्च नहीं हो पाने. योजनाओं के संचालन में सिर्फ अपने क्षेत्र में अधिक राशि का कार्य कराने के लिये हमेशा प्रयासरत रहने. जिप अध्यक्ष को जिला परिषद के सुचारू रूप से संचालन में सहयोग नहीं करने. उपाध्यक्ष के रूप में निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने का आरोप लगाये गये थे. अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुलाये गये बैठक के मद्देनजर बुधवार को समाहरणालय परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे. जिला परिषद उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के साथ ही नये उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है.
जिला परिषद उपाध्यक्ष अंजना राय की छीनी कुर्सी, अविश्वास प्रस्ताव पारित
