खेल जीवन के श्रम सौंदर्य का प्रत्यक्ष उदाहरण : प्राचार्य

समस्तीपुर : समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में वार्षिक खेल उत्सव का समापन मंगलवार को हुआ. समापन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य प्रो डॉ कुशेश्वर यादव ने अपने वक्तव्य में सर्वप्रथम उन सभी शिक्षक व शिक्षकेत्तर व प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया. जिनकी वजह से यह खेल उत्सव अपने आखिर पड़ाव को अनुशासनबद्ध तरीके से प्राप्त कर सका. उन्होंने खेल की जीवन में महत्ता को रेखांकित किया. कहा कि खेल जीवन के श्रम सौंदर्य का प्रत्यक्ष उदाहरण है जिससे हमारा सांस्कृतिक व सामाजिक पहलू भी समृद्ध होता है. दर्शन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ राहुल मनहर व इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दयानंद मेहता ने कहा कि खेल हमारे जीवन का आवश्यक हिस्सा है. स्वस्थ शरीर और दिमाग काे विकसित करने के लिए खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. खेल कई प्रकार के होते हैं, जाे हमारे शारीरिक के साथ मानसिक विकास में मदद करते हैं. संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दुर्गेश राय ने कहा कि जिस तरह दिमाग का सही विकास के लिए शिक्षा जरूरी है, उसी तरह शारीरिक विकास के लिए खेल महत्वपूर्ण हैं. शिक्षा के माध्यम से हम टीम भावना नहीं सीख सकते, लेकिन खेल से यह संभव है. मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष सह कन्वेनर डा. रीता चौहान ने कहा कि खेल व्यक्तित्व विकास कर एक बेहतर इंसान बनाते हैं. खेल से सामाजिकता की भावना मजबूत बनती है, जिससे खिलाड़ी एक स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है. उर्दू विभाग व हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्षों डॉ सफवान सफी व डॉ महेश कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में खेल गतिविधियों का आयोजन करने का यही उद्देश्य है कि विद्यार्थियों के जीवन में अनुशासन, मिलकर काम करने व लक्ष्य के प्रति एकाग्रता से आगे बढ़ने की भावना विकसित हो. मौके पर डा. कौशलेंद्र झा, डा. अरुण कुमार राय सहित दर्जनों शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मी उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ खुर्शीद ने दिया. मंच संचालन डॉ आशीष पांडेय ने किया.

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