खेलों से नियम पालन के स्वभाव का विकास होता है : पूर्व विधायक

समस्तीपुर : ‘खेलो युवा’ थीम के साथ समस्तीपुर कॉलेज समस्तीपुर में वार्षिक खेल उत्सव का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि सह पूर्व विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह व अध्यक्ष सह महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो डॉ कुशेश्वर यादव ने विधिवत दीप प्रज्ज्वलित कर किया. छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि खेलकूद मानव मन को प्रसन्न और उत्साहित बनाये रखता है. खेलों से नियम पालन के स्वभाव का विकास होता है. मन एकाग्र होता है. खेल में भाग लेने से खिलाड़ियों में सहिष्णुता, धैर्य और साहस का विकास होता है तथा सामूहिक सद्भाव और भाईचारे की भावना बढ़ती है. प्रधानाचार्य ने कहा कि कालेज में इस तरह के कलात्मक और सृजनात्मक कार्यक्रम का आयोजन होते रहना चाहिए. खेलकूद शरीर और मन में ताजगी लाता है. मन की ऊब मिटाने और चित्त में प्रसन्नता लाने के लिए खेलों की जितनी भूमिका है उतनी शायद अन्य किसी चीज की नहीं. यही कारण है कि अलग अलग समाज और देश में विभिन्न प्रकार के खेलों को पर्याप्त महत्त्व दिया जाता है. वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन इसी मकसद से किया जाता है. मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष सह कन्वेनर डा. रीता चौहान ने कहा कि खेलों से विद्यार्थियों में अनुशासन, प्रतिस्पर्धा, परिश्रम की भावना भी उत्पन्न होती है, जो बच्चों को अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल करने में सार्थक सिद्ध होती है. हमारे जीवन में खेल की भूमिका सिर्फ पाठ्येतर गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह एक बहुत अच्छा करियर विकल्प भी है. ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ राहुल मनहर ने कहा कि किसी भी खेल के लिए अभ्यास और बहुत कुछ की आवश्यकता होती है. अभ्यास परिपूर्ण बनाता है, इसके अलावा, यह धैर्य लाता है. एक बच्चा अपने अभ्यास के परिणामों की प्रतीक्षा करना सीखता है जिससे धैर्य रखना सीखता है. वह समझता है कि सफलता तुरंत नहीं मिलती बल्कि इसके लिए बहुत अभ्यास और धैर्य की आवश्यकता होती है. इसपे पूर्व पीजी की छात्रा रूपम कुमारी व अन्य द्वारा विश्वविद्यालय की परम्परा का अनुसरण करते हुए सुभाषित स्वरों में कुलगीत की प्रस्तुति की. धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ अपराजिता रॉय ने किया और मंच संचालन डॉ आशीष पांडेय ने किया.

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