कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ : डा. पिंगाली

समस्तीपुर : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित विद्यापति सभागार में सतत खाद्य प्रणाली के लिए कृषि में नवीनीकरण व किसानों की आय से जुड़े विषय पर आधारित कृषि अनुसंधान परिषद के तीन दिवसीय 31 वां वार्षिक अधिवेशन शुरू हुआ. उद्घाटन दीप जलाकर आगत अतिथि व कुलपति ने किया. उपस्थित कॉर्नेल विश्वविद्यालय अमेरिका से जुड़े व कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष के डॉ प्रभु पिंगाली ने संबोधित करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ कृषि को बताया. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत को विकसित राष्ट्र के श्रेणी में खड़ा होना है तो कृषि विकास पर गंभीरता से ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि अधिवेशन के दौरान कृषि के विकास से जुड़ी नीतियों पर विस्तृत चर्चा की जायेगी. जिसके परिणाम आने वाले समय में अनुकूल होगा. कुलपति डॉ पीएस पांडेय ने कहा कि आने वाले समय में कृषि के क्षेत्र में परिवर्तन होने वाला है. जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं अन्य नई तकनीकों के उपयोग से कृषि और किसान लाभान्वित होंगे. उन्होंने कहा कि कृषि अर्थशास्त्रियों के अहम भूमिका से तीन दिनों तक चलने वाले बैठक से नये विचार उभरेंगे जो देश के कृषि क्षेत्र से जुड़े नीति निर्धारण में लाभदायक होगा. डॉ अंजनी कुमार ने भी अपनी बात रखी. स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ केएम सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया. संचालन डॉ ऋतंभरा व अंजलि ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ डीके सिन्हा ने किया. मौके पर निदेशक बीज डॉ डीके रॉय, डॉ पीके झा, डॉ उषा सिंह, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ राकेश मणि शर्मा, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन आदि थे.

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