मौसम का बदला मिजाज, जिले में शीतलहर का प्रकोप

समस्तीपुर : जिले में अचानक से मौसम का मिजाज बदल गया है. कल तक जहां लोग ठंड नहीं पड़ने को लेकर चिंतित थे, किसानों को फसल के खराब होने की चिंता सता रही थी. वहीं पिछले दो दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है. जिले में शीतलहर का प्रकोप शुरू है. रविवार को अधिकतम तामपान सामान्य से 7.6 डिग्री नीचे खिसक गया है. हालांकि न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है. आज का अधिकतम तापमान 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री रहा. शनिवार को भी अधिकतम तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस रहा. जो सामान्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस कम था. हालांकि न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. रविवार को कड़ाके की ठंड के कारण लोगों का सामान्य जनजीवन अस्त-व्यवस्था रहा. बीमार और बूढ़े लोगों को अधिक परेशानी हो रही है. लोग ठंड से बचने के लिये घरों में रहे. जरूरी काम वाले लोग ही बाहर निकले. पूरे दिन आसमान में बादल छाये रहे. वहीं पछिया हवा चलने के कारण ठंड और कहर ढाते रहा.ठंड को देखते हुये जिला प्रशासन के द्वारा गरीबों व निर्धनों के बीच लगातार कंबल का वितरण कराया जा रहा है.फिलवक्त प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. लोग अपने स्तर से अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं.

अचानक से बढ़ी गर्म कपड़ों की मांग

ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों का बाजार अचानक से बढ़ गया है. इस बार दिसंबर के अंत तक ठंड नहीं पड़ने के कारण गर्म कपड़ों का बाजार मंदा था. गर्म कपड़ों पर काफी छूट दी जा रही थी. लेकिन पिछले दो दिनों से बढ़ी ठंड के बाद बाजार में गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गयी है. लोग गर्म कपड़ों, कंबल आदि की खरीदारी करने बाजार पहुंच रहे हैं.बाजार में कई रेंज में गर्म कपड़े उपलब्ध हैं.

पशुओं का करें बचाव

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार ने किसानों को सला दिया है कि ठंड को देखते हुये पशुओं का खास ख्याल रखें.पशुओं को खुले में नहीं छोड़े.ठंडा भोजन और ठंडा पानी नहीं दें.पशुओं के बिछावन के लिये सूखी घास या राख का उपयोग करें. दुधारू पशुओं को लिवरफ्लूक संक्रमण से बचाव करें.धान का पुआल नहीं खिलायें. पशुशाला और पशुओं के शरीर को ढककर रखें.पशुओं को सूखे स्थान पर रखें. पशुओं का रखने की जगह धुंआ रहित होना चाहिये. दिन में तीन-चार बार हल्का गर्म पानी आवश्य दें.संतुलित एवं नमक युक्त पूरक आहार दें.खल्ली और गुड़ अतिरिक्त मात्रा में दें, ताकि पशुओं का शरीर गर्म रहे.

error: Content is protected !!