मेधा छात्रवृत्ति के लाभ से वंचित होने पर प्राचार्य होंगे जिम्मेदार

समस्तीपुर : अब स्कूल या कॉलेजों में राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति योजना के लाभ से अगर छात्र वंचित रहेंगे तो संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक और प्राचार्य इसके लिए जवाबदेह होंगे. छात्रवृत्ति की परीक्षा पास कर लेने के बाद अगर छात्र किसी दूसरे स्कूल या कॉलेजों में अपना नामांकन करा लेंगे तो ऐसी स्थिति में उस स्कूलों के प्रधानाध्यापक और कॉलेज के प्राचार्य को हर हाल में यह जानकारी लेनी होगी कि उनके यहां नामांकन लेने वाले छात्रों में कितनों ने यह परीक्षा पास कर ली है. इसके लिए छात्रों का एनएसपी (नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल) पोर्टल पर आवेदन के ऑनलाइन सत्यापन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक है. दरअसल, राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति योजना के लाभ के लिए आठवीं के छात्रों को परीक्षा देनी होती है. इसका रिजल्ट आते-आते छात्र नौवीं कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं. ऐसे में जो छात्र आठवीं के बाद दूसरे स्कूल और दसवीं के बाद दूसरे कॉलेज में नामांकन करा लेते हैं, उनका उस स्कूल या कॉलेज से सत्यापन नहीं हो पाता. इस कारण उन्हें परीक्षा पास करने के बाद भी छात्रवृत्ति नहीं मिल पाती. अधिकांश छात्रों को इसकी जानकारी भी नहीं होती कि स्कूल या कॉलेज बदलने पर उन्हें फिर से एनएसपी पर अपना आवेदन रिन्यूअल कराना होगा. इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक और कॉलेज के प्राचार्यों को पत्र लिखा है. डीईओ मदन राय ने बताया कि परीक्षा पास सभी छात्रों को चार वर्षों तक हर साल एनएसपी पोर्टल पर आवेदन भरकर उसे रिन्यूअल कराना होगा, तभी उन्हें छात्रवृत्ति मिल पाएगी.

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