समस्तीपुर : नगर निगम में पूर्व से कार्यरत कर संग्रहकों ने होल्डिंग टैक्स वसूल में लगे एजेंसी के कार्यकलापों की जांच कर वसूल की गयी राशि की भी पड़ताल करने की गुहार डीएम से लगायी है. कर संग्रह दिलीप कुमार चौधरी, परमानन्द कुमार कुशवाहा, विष्णदेव साह, अमजद हुसैन, मनोज कुमार यादव, गणेश कुमार ठाकुर, अरुण कुमार साह ने बताया कि पूर्व में यह कार्य हमलोग करते थे. वसूली की गई राशि रोकड़ पाल के यहां जमा करते थे, जो राशि भारतीय स्टेट बैंक में नगर निगम समस्तीपुर के खाता में जमा होता था. जांच में भी कोई अनियमितता नहीं पायी गयी है. नगर आयुक्त ने आउट सोर्सिंग एजेंसी को नगर निगम के राजस्व वसूली का कार्य दिया तब से उसके माॅनिटरिंग की जिम्मेवारी वार्डवार निर्धारित कर हमलोगों को दिया गया. एजेंसी के कार्यों की जानकारी लिखित एवं मौखिक रूप से समय-समय पर नगर आयुक्त को दी गयी. चार अक्टूबर को लिखित रूप में चार करोड़ सात लाख छह हजार सात सौ रुपये वसूली की गई राशि की सूचना नगर आयुक्त को दी गयी तो नगर आयुक्त भड़क उठे. एजेंसी से जुड़े कार्यों की जांच कराने की बजाय हमलोगों का ही वेतन रोकने व प्रपत्र क भरने का आदेश देते हुए स्पष्टीकरण की मांग कर दी गयी. कर संग्रहकों ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि पटना, मोतिहारीनगर निगम एवं जहानाबाद नगर परिषद् कार्य में अनियमितता के कारण स्पैरो सॉफ्टेक एजेंसी को हटा दिया गया. इसे देखते हुए हमलोगों ने भी जांच की मांग की तो उल्टा हमलोगों से ही स्पष्टीकरण पूछ प्रताड़ित किया जा रहा है. कर संग्रहकों ने डीएम से जांच-पड़ताल कराने और वेतन भुगतान कराने की मांग की गयी है. वहीं कर संग्रहकों ने यह भी बताया है कि नगर प्रबंधक के संरक्षण में उक्त एजेंसी संचालित की जा रही है. इधर, नगर आयुक्त ने समी प्रभारी कर संग्राहक से स्पष्टीकरण पूछा है. नगर आयुक्त ने कर संग्रहकों द्वारा दिये गये आवेदन पर आपत्ति व्यक्त की है. जिसमें लिखा था कि वसूली की गई राशि का मिलान नगर निगम खाते से किया जाये. जिससे यह स्पष्ट हो सके कि वसूली गयी राशि नगर निगम के खाते में जमा हुआ है या नहीं, अन्यथा सारी जवाबदेही वर्तमान नगर निगम प्रशासक की होगी. इधर, पूछे गये स्पष्टीकरण में कहा गया है कि उक्त आवेदन में कर संग्रहकों द्वारा न वार्डवार अलग-अलग वसूली गई राशि का उल्लेख किया गया है एवं न ही माह/वर्ष का उल्लेख किया गया है. पूर्व में भी समीक्षात्मक बैठक में कर संग्रहकों द्वारा वसूली गई, जमा की गई एवं इससे संबंधित संधारित पंजी उपस्थापित नहीं किया गया. जिसके कारण स्पष्टीकरण भी पूछा गया था. जिसका जवाब एक ही स्पष्टीकरण में सभी कर संग्राहक के द्वारा समर्पित किया गया जो अस्वीकार्य है. राजस्व वसूली की राशि का सही समय पर निगम के खाते में जमा होना एवं एजेंसी के द्वारा प्रत्येक वार्ड में की जा रही राजस्व वसूली का पर्यवेक्षण एवं वार्डवार पंजी का संधारण करना कर संग्रहकों का दायित्व है. परंतु अपने दायित्वों का निर्वहन न कर नगर प्रशासक को जिम्मेदार ठहराना अनुशासनहीनता का द्योतक है एवं यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आपके द्वारा अपने मूल कार्यों में रूचि नहीं ली जा रहीं है. वार्ड में राजस्व वसूली में कोई वित्तीय अनियमितता होती है, तो इसकी सारी जवाबदेही कर संग्रहकों की होगी. जिसके बाद कर संग्रहक भड़क उठे और विवाद बढ़ता चला गया.