समस्तीपुर : एनसीसी दिवस की 75वीं सालगिरह के उपलक्ष्य पर सोमवार को बारह बिहार बटालियन एनसीसी के बीआरबी कॉलेज व यूआर कॉलेज रोसड़ा कैडेट्स ने सदर अस्पताल में स्वैच्छिक रक्तदान किया. कर्नल रवीन्द्र रावत ने बताया कि एनसीसी के कैडेट्स देश और लोगों की सेवा में हमेशा तत्पर रहते हैं. वक्त चाहे चुनाव का हो या फिर राष्ट्रीय आपदा की घड़ी का, ये कैडेट्स हर वक्त जीन जान से देश और लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं. भाईचारा, अनुशासन और धर्मनिरपेक्षता इनका मूलमंत्र होता है. नि:स्वार्थ भाव से जहां कभी इनको ड्यूटी पर लगा दिया जाता है ये अपना कर्तव्य समझकर उसे पूरा करते हैं. देश में जहां कभी प्राकृतिक आपदा आती है इनको जरुर वहां भेजा जाता है. ओडिशा में आया साइक्लोन हो या फिर गुजरात के भुज का भूकंप हर जगह इन्होंने लोगों को मदद पहुंचाने में प्रशासन की मदद की. उन्होंने कहा कि वक्त का हर क्षण और रक्त का हर कण अमूल्य होता है रक्त देने वाला जीवनदाता कहलाता है. 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है. रक्तदान करने से शरीर को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं. डा. राहुल मनहर ने कहा कि एनसीसी दिवस प्रत्येक वर्ष नवंबर माह के चौथे रविवार को मनाया जाता है. राष्ट्रीय कैडेट कोर का गठन 16 अप्रैल 1948 में हुआ था. विश्व में युवा कैडेटों के सबसे बड़े संगठन राष्ट्रीय कैडेट कोर की स्थापना राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम 1948 के तहत हुई थी. एनसीसी का उद्देश्य युवाओं में चरित्र, मिल जुलकर काम करने की क्षमता का विकास करना है. इसके अलावा युवाओं में नेतृत्व की क्षमता और सेवा की भावना भी विकसित करता है. यह युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करता है और पहले से तैयार एक रिजर्व बल बनाता है ताकि इसका उपयोग राष्ट्रीय आपातकाल के समय सशस्त्र बल के रूप में किया जा सके. वही समस्तीपुर कॉलेज, महिला काॅलेज, बीआरबी कॉलेज, यूआर कॉलेज रोसड़ा के कैडेट्स ने स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को भी जागरूक किया.