समस्तीपुर : जिले के सरकारी स्कूलों में पोषण वाटिका लगाई जायेगी, ताकि पोषण वाटिका से निकली हरी सब्जियों का उपयोग मध्याह्न भोजन में किया जा सके. उजियारपुर के 44, दलसिंहसराय के 32, कल्याणपुर के 50, शिवाजीनगर के 38, पूसा के 25, सरायरंजन के 46, हसनपुर के 35, रोसड़ा के 34, विद्यापतिनगर के 27, मोहिउद्दीननगर के 31, खानपुर के 37, समस्तीपुर के 51, वारिसनगर का 35, पटोरी के 32, ताजपुर के 31, विभूतिपुर के 59, बिथान के 27, मोहनपुर के 17, सिंघिया के 40 मोरवा के 34 विद्यालयों के लिए 5-5 हजार रुपए आवंटित किये गये हैं. जिले के 725 विद्यालयों को 36 लाख 25 हजार रुपए आवंटित किये गये हैं. इसके लिए डीपीओ एमडीएम सुमित कुमार सौरभ ने अभियान चलाने का निर्णय लिया है. कहा है जिन स्कूलों में पोषण वाटिका के लिए जगह नहीं है वहां स्कूल की छतों पर सब्जियां उगाई जायेगी. वहीं पूर्व से स्कूलों में संचालित पोषण वाटिका में वैज्ञानिक एवं जैविक विधि से सब्जी उगाने का सुझाव दिया गया है. बिहार के करीब 85 प्रतिशत बच्चे एनिमिया से पीड़ित हैं इसलिए इस प्रोजेक्ट को कुपोषण खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को पूर्णिया जिले में सितंबर 2016 में प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया था. तब पूर्णिया के 100 मिडिल स्कूलों में यह प्रारंभ हुआ था. वहां इसकी शानदार सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में लागू करने का फैसला लिया गया. 13 फरवरी 2019 को शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के डीएम को इसको लेकर पत्र लिखा और इस ओर विद्यालय प्रशासन को जागृत किया.
बच्चों में बागवानी के प्रति रुचि होगी जागृत
डीपीओ एमडीएम ने बताया कि पोषण वाटिका के माध्यम से बच्चों में बागवानी खेती के प्रति रुचि जागृत की जा सकती है. पोषण वाटिका के उत्पादित फल और सब्जियों को मध्याह्न भोजन में शामिल करने से आवश्यक विटामिन एवं पोषक तत्वों की प्रतिपूर्ति होगी. इससे बच्चों का शारीरिक व मानसिक विकास होगा. स्कूलों के पोषण वाटिका के निर्माण से स्वच्छ ताजा फल व सब्जियों का एमडीएम में उपयोग तो होगा ही वातावरण के हानिकारक दुष्प्रभाव कार्बन फूटप्रिंट से बचाव होगा.
कृषि समन्वयक करेंगे मदद
स्कूलों में पोषण वाटिका तैयार कर वहां मौसमी सब्जियां उगाई जायेगी. इसके लिए कृषि विभाग के कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकारों से मदद ली जायेगी. पोषण वाटिका में नींबू, पपीता के पौधे भी लगाने का सुझाव दिया गया है. इसके अलावा बच्चों के नाम से फलदार पौधे रोपे जायेंगे. पौधों में सुबह-शाम पानी डालने और देखभाल की जिम्मेदारी छात्र-छात्राओं की होगी. साथ ही पोषण वाटिका में उत्पादित साग सब्जियों का उपयोग रसोईया स्वयं व विद्यालय के आसपास वैसे घरों के बच्चे जिसके घरों में साग सब्जी खरीदने में असमर्थ होंगे उनके बीच वितरण कर सकेंगे.