समस्तीपुर: संगीत और भावनाओं की संगति में बुधवार की शाम विद्यापति महोत्सव डूबा रहा. सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका सह फिल्मों में अपनी आवाज की जलवा विखरने वाली पूर्णिमा श्रेष्ठ ने अपनी चर्चित गीतों का गायन कर स्थानीय श्रद्धालु श्रोताओं के मन मोह लिया. राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले विद्यापति राजकीय पर्व समारोह में पूर्णिमा की आवाज का जादू लोंगो के सिर चढ़कर बोला. स्थानीय कलाकोरों ने विद्यापति के गीत और लोक भाषाओं से महफ़िल सराबोर रहा. पूर्णिमा श्रेष्ठ ने अपनी सुरलहरियों से आठरा बरस की कुंवारी कली थी घूंघट में मुखड़ा छुपा के चली थी,शाम है धुंआ धुंआ, क्या हुआ तेरा वादा ओ कसम ओ इरादा, झुमका गिरा बरेली के बाजार में, सोना कितना सोना है सोने जैसा तेरा रंग, सुन जरा सुन क्या कहती है तू मेरा हीरो नंबर वन गीतों से श्रोता दर्शकों का मनोरंजन किया. वहीं पूर्णिमा श्रेष्ठ के गीत टिप टिप वर्षा पानी, ऊंची है बिल्डिंग लिफ्ट तेरी बंद है को श्रोताओं ने सराहा. पूर्णिमा की मखमली आवाज का जादू ऐसा छाया की सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रोताओं संगीत में डूबते उतराते रहे.