समस्तीपुर : निजी वाहन संचालक सोमवार से सांकेतिक हड़ताल पर चले गये हैं. यह तीन दिनों तक जारी रहेगा. ऐसा कर वाहन मालिक भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित कानून जिसमें किसी भी चालक द्वारा दुर्घटना के उपरांत दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल तक नहीं पहुंचाने पर 10 साल कैद एवं 10 लाख जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है इसके खिलाफ कर रहे हैं. जिला मोटर व्यवसायी संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि जिले में आंदोलन व्यापक रूप से सफल रहा. जिले में बस एवं ट्रकों का परिचालन पूर्णत: बंद रहा. कर्पूरी बस पड़ाव समस्तीपुर से एक भी यात्री बसों का परिचालन नहीं हुआ. वहीं जिले के विभिन्न रैक प्वाइंटों व एसएफसी के गोदामों से भी ट्रकों का परिचालन नहीं हुआ. जिला मोटर व्यवसायी संघ के अध्यक्ष श्री सिंह ने बताया कि भारत सरकार के इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ आगे के दमदार आंदोलन की तैयारी के लिए जिला संगठन के कार्यकारिणी की बैठक 2 जनवरी एवं व्यावसायिक वाहनों के स्वामी व चालकों के साथ संयुक्त बैठक 3 जनवरी को स्थानीय कर्पूरी बस पड़ाव में की जायेगी. जिसमें सरकार द्वारा विधेयक वापस नहीं लेने की स्थिति में व्यापक आंदोलन के साथ धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन एवं अनिश्चितकालीन हड़ताल की रूपरेखा तय की जायेगी. संगठन के महासचिव संजीव कुमार सुमन ने बताया कि सरकार के इस दमनकारी कानून जिसके चलते मोटर व्यवसाय पूर्णतया समाप्त हो जायेगा के खिलाफ वाहन स्वामी एवं चालक का संयुक्त आंदोलन विधेयक समाप्त होने तक जारी रखा जायेगा. यात्री बसों का परिचालन नहीं होने के कारण साल के पहले ही दिन यात्रियों को भारी परेशानियों का सामाना करना पड़ा. ट्रेनों में भीड़ देखने को मिली. वहीं कुछ यात्रियों ने सरकारी बस की सेवा लेकर गंतव्य की ओर जाते दिखे.