विभूतिपुर प्रखंड के बीइओ कृष्णदेव महतो निलंबित

समस्तीपुर : शिक्षा विभाग के साथ-साथ विभूतिपुर प्रखंड के चर्चित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्ण देव महतो को प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने निलंबित कर दिया है. एडीएम आपदा सह जांच कमेटी के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि उनके उपर लगे आरोपों की प्रकृति की गंभीरता को देखते हुए बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के सुसंगत प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई के अधीन किया जाता है. निलंबन अवधि में कृष्णदेव महतो का मुख्यालय दरभंगा स्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय बनाया गया है. निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) दरभंगा से किया जायेगा. विदित हो कि तीन महीने बाद ही निलंबित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सेवानिवृत्त होने वाले थे. बताते चलें कि शिक्षक फर्जी बहाली से संबंधित पाठ्यक्रम मामले में यह कार्रवाई की गयी है. शिक्षक बहाली में फर्जीवाड़ा कर योगदान कराने से संबंधित मामला प्रकाश में आने के बाद तत्कालीन डीएम सह माध्यमिक शिक्षा निदेशक व राज्य परियोजना निदेशक बीईपी योगेन्द्र सिंह ने जांच का आदेश दिया था. जांच की जिम्मेवारी एडीएम आपदा राजेश कुमार सिंह को सौंपी गयी थी. उनके जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गयी है. निदेशक ने जारी आदेश में कहा है कि डीएम के रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. विभूतिपुर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कृष्णदेव महतो द्वारा प्रधानाध्यापकों की मिलीभगत से आठ फर्जी बीपीएससी शिक्षकों का योगदान कराये जाने का जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है.एलआइसी वाले बीइओ साहब से सुर्खियों में आये थेवर्ष 2021 में निलंबित बीईओ अपनी बीमा एजेंट पत्नी का कारोबार चमकाने के लिए शिक्षक विभाग से जुड़े लोगों पर दबाव डालकर जबरन बीमा कराते थे. जब विद्यालयों में औचक निरीक्षण के नाम पर यह कारोबार अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंचने लगा तो शिक्षकों में दबे स्वर चर्चा होने लगी. बीईओ साहब भी तत्कालीन जिलास्तर के अधिकारियों के विशेष संपर्क में चले गये ताकि, कोई शिक्षक उनका विरोध न कर सके. बता दें कि कृष्णदेव महतो इससे पूर्व पातेपुर के बीईओ थे. जबकि उससे पहले वे अररिया ट्रेनिंग कॉलेज में थे. इसी वर्ष उप विकास आयुक्त द्वारा निर्धारित रोस्टर के अनुरूप विद्यालय का अनुश्रवण-सह-निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था. समीक्षा के क्रम में निर्धारित रोस्टर के अनुरूप विभूतिपुर प्रखंड के विद्यालयों का मात्र तीन फीसदी विद्यालयों का यूनिक इंस्पेक्सन किया गया. पूर्व में भी विभूतिपुर बीईओ को स्मारित किया जा चुका था बावजूद कार्यशैली जस की तस बनी हुयी थी. अन्य पैरामीटर पर भी विभूतिपुर प्रखंड का प्रगति काफी असंतोषजनक रहता था. वहीं उक्त प्रखंड के बीईओ वीसी/ बैठक में अधिकांश अनुपस्थित रहते थे. साथ ही प्रतिवेदन देते नहीं है या देते है तो समय पर नहीं. जिसके बाद डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्त ने स्पष्टीकरण पूछा था.